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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 पर निबंध (International Yoga Day Essay in Hindi)

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रत्येक वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ही इस दिन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया था। योग का अभ्यास एक बेहतर इंसान बनने के साथ एक तेज दिमाग, स्वस्थ दिल और एक सुकून भरे शरीर को पाने के तरीकों में से एक है। योग अपने अद्भुत स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2015 में आरंभ होने के बाद, हर साल 21 जून को मनाया जाता है। यह हमारे जीवन में इस प्राचीन भारतीय कला को अनमोल करने के महत्व पर बल देने का एक महान प्रयास है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 10 वाक्य | योग के महत्व पर निबंध  |  योग पर निबंध | योग पर 10 वाक्य

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on International Yoga Day in Hindi, Antarrashtriya Yog Divas par Nibandh Hindi mein)

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2023 पर अधिक जानकारी

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध 1 (300 शब्द)

योग, मन, शरीर और आत्मा की एकता को सक्षम बनाता है। योग के विभिन्न रूपों से हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को अलग-अलग तरीकों से लाभ मिलता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को इस अनूठी कला का आनंद लेने के लिए मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस – एक पहल

योग की कला का जश्न मनाने के लिए एक विशेष दिन की स्थापना का विचार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रस्तावित किया था। इस पहल के माध्यम से भारतीय प्रधान मंत्री हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए इस अनोखे उपहार को प्रकाश में लाना चाहते थे। उन्होंने सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में अपने भाषण के दौरान इस सुझाव का प्रस्ताव दिया था। अपने संयुक्त राष्ट्र के संबोधन में उन्होंने यह भी सुझाव दिया था कि योग दिवस 21 जून को मनाया जाना चाहिए क्योंकि यह वर्ष का सबसे लंबा दिन है।

यूएनजीए के सदस्यों ने मोदी द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया और जल्द ही इसके लिए सकारात्मक मंजूरी दे दी। 21 जून 2015 का दिन पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया गया। इस दिन भारत में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था। भारत के प्रधान मंत्री श्री मोदी और कई अन्य राजनीतिक नेताओं ने राजपथ पर उत्साह के साथ यह दिन मनाया।

इस दिन देश के विभिन्न हिस्सों में कई बड़े और छोटे योग शिविर भी आयोजित किए गए थे। इस पवित्र कला का अभ्यास करने के लिए लोगों ने बड़ी संख्या में इन शिविरों में हिस्सा लिया। न सिर्फ भारत में बल्कि इस तरह के शिविरों का आयोजन दुनिया के अन्य हिस्सों में भी किया गया और लोगों ने बड़े उत्साह से इनमें भाग लिया। तब से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल बहुत उत्साह से मनाया जाता है।

21 जून को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्राचीन भारतीय कला के लिए एक अनुष्ठान है। हमारे दैनिक जीवन में योग को जन्म देने से हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है। यह हमारे तनावपूर्ण जीवन के लिए एक बड़ी राहत प्रदान करता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध 2 (400 शब्द)

यह भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ही थे जिन्होंने सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने का विचार दिया था। इस प्रकार से वे पूरे भारत के साथ इस दृष्टिकोण को संपूर्ण रूप से साझा करना चाहते थे जो पूरे विश्व के लिए उत्पन्न हुई थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने इस प्रस्ताव को पसंद किया और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी गई। यह वर्ष 2015 में पहली बार मनाया गया था।

योग की उत्पत्ति

माना जाता है कि भारतीय पौराणिक युग से योग की जड़े जुडी हुई हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह भगवान शिव थे जिन्होंने इस कला को जन्म दिया। शिव, जिन्हें आदि योगी के रूप में भी माना जाता है, को दुनिया के सभी योग गुरुओं के लिए प्रेरणा माना जाता है।

सामान्यत तौर पर यह माना जाता है कि यह उत्तर भारत में सिंधु-सरस्वती सभ्यता थी जिसने 5000 साल पहले इस शानदार कला की शुरूआत की थी। ऋग्वेद में पहली बार इस अवधि का उल्लेख किया है। हालांकि योग की पहली व्यवस्थित प्रस्तुति शास्त्रीय काल में पन्तजलि द्वारा की गई है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को क्यों मनाया जाता है

भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, जिन्होंने योग दिवस मनाने का विचार प्रस्तावित किया, ने सुझाव दिया कि यह 21 जून को मनाया जाना चाहिए। उनके द्वारा सुझाई गई इस तारीख का कारण सामान्य नहीं था। इस अवसर को मनाने के लिए प्रस्तावित कुछ कारण हैं।

21 जून उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन है और इसे ग्रीष्मकालीन अस्थिरता कहा जाता है। यह दक्षिणाइया का एक संक्रमण प्रतीक है जिसे माना जाता है कि यह एक ऐसी अवधि होती है जो आध्यात्मिक प्रथाओं का समर्थन करती है। इस प्रकार योग की आध्यात्मिक कला का अभ्यास करने के लिए एक अच्छी अवधि माना जाता है।

इसके अलावा किंवदंती यह है कि इस संक्रमण काल ​​के दौरान भगवान शिव ने उनके साथ योग की कला के बारे में ज्ञान साझा करके आध्यात्मिक गुरुओं को प्रबुद्ध किया।

इन सभी बिंदुओं को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने माना था और 21 जून को अंततः अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी गई थी।

अच्छी बात यह है कि श्री मोदी और यूएनजीए ने ही केवल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चिह्नित नहीं किया बल्कि जब यह दिवस आया तो इसे सफल बनाने के भी कई प्रयास किए। पहला योग दिवस भारत में बड़े पैमाने पर मनाया गया। दुनिया भर के कई उल्लेखनीय व्यक्तियों ने इसमें भाग लिया। तब से यह देश और साथ ही दुनिया के अन्य भागों में बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध 3 (500 शब्द)

पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया। इस दिन पर भारत में एक बड़ा आयोजन आयोजित किया गया था। इस घटना में बड़ी संख्या में भाग लेने वाले लोगों को देखने का यह बहुत अच्छा मौका था। भीड़ के बीच बहुत खुशी और उत्तेजना थी। समय गुज़रने के साथ उत्साह कम नहीं हुआ। यह न केवल भारत में बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी विकसित हुआ है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2016

पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2015 के बाद, वर्ष 2016 में आयोजित दूसरे योग दिवस में भी लोगों को उत्साह के साथ इक्कठे होकर देखा गया। चंडीगढ़ के कैपिटल कॉम्प्लेक्स में दूसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का जश्न मनाने का मुख्य आयोजन आयोजित किया गया था। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भीड़ का जोश बढ़ाने के लिए इस कार्यक्रम में भाग लिया। योग आसन करने के लिए इकट्ठे हुए हजारों लोगों के साथ श्री मोदी ने इस समारोह में योग आसन का भी अभ्यास किया। उन्होंने इस अवसर पर एक प्रेरक भाषण दिया जिससे कि देश के युवाओं को अपने रोजमर्रा के जीवन में योग को अपनाने के माध्यम से एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

इसी तरह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देश के कई हिस्सों में कई बड़े और छोटे समारोह आयोजित किए गए। भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक दल के सभी सैनिकों ने भी विभिन्न हिस्सों में मनाए जाने वाले योग दिवस के समारोहों में भाग लिया। हमारे पड़ोसी देशों और दुनिया भर के अन्य देशों ने भी समान उत्साह के साथ इस दिन को मनाया।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2017

तीसरा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दुनिया भर में और अधिक उत्साह के साथ मनाया गया। जैसे-जैसे अधिक से अधिक लोग योग के महत्व को समझ रहे हैं और अपने जीवन में इसका पालन कर रहे हैं वैसे-वैसे योग शिविरों की संख्या और इस ओर भागीदारी वर्ष-दर-वर्ष बढ़ रही है।

प्रत्येक वर्ष की तरह भारत में तीसरा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर एक बड़ा समारोह आयोजित किया गया था। इसके लिए नवाबों का शहर लखनऊ को चुना गया था। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ, के साथ इस दिन का जश्न मनाने के लिए लखनऊ गए। इस दिन लखनऊ शहर में बारिश हुई लेकिन इसने लोगों को योग दिवस समारोह में भाग लेने पड़ा। इस खास दिन का जश्न मनाने के लिए लखनऊ के रामभाई अम्बेडकर सभा स्थली में लगभग 51,000 लोग इकट्ठा हुए। सभी लोग इस समारोह का हिस्सा बनकर अति उत्साहित और रोमांचित थे और सभी ने समर्पण के साथ योग आसन किए।

इस दिन का जश्न मनाने के लिए दिल्ली के केंद्रीय पार्क में कई लोगों के साथ भारतीय राष्ट्रपति भी इकट्ठा हुए। इसके अलावा योग दिवस का जश्न मनाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए थे।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018

दुनिया भर में चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए कई महोत्सवों की योजना बनाई जा रही है। भारत में इस अवसर पर सबसे बड़े महोत्सवों में से एक महोत्सव ऋषिकेश, उत्तराखण्ड में गंगा नदी के तट पर आयोजित होने की उम्मीद है। दुनिया भर में लोगों की बड़ी संख्या इस महोत्सव के लिए इकट्ठा होने की उम्मीद है।

यह आश्चर्यजनक है कि कैसे इस उम्र में मन, शरीर और सोच अभी भी काम करती है। दुनिया भर के योग चिकित्सक अपने नियमित जीवन में योग को प्रोत्साहित करने के लिए लोगों से आग्रह करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में एक विशेष दिन को मनाने के पीछे का कारण हमारे जीवन में योग को करने के महत्व पर बल देना है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध 4 (600 शब्द)

वर्ष 2014 में भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को यह प्रस्ताव पसंद आया और 21 जून 2015 को पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। श्री मोदी द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव और यू.एन. द्वारा किए गए निर्णय की दुनिया भर के आध्यात्मिक नेताओं और योग के चिकित्सकों द्वारा इसकी सराहना की गई। भारतीय आध्यात्मिक नेता और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री रवि शंकर ने कहा कि योग पहले एक अनाथ बच्चे जैसा था लेकिन अब ऐसा नहीं है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे मान्यता देने के बाद इस कला को वह कद प्राप्त हुआ है जिसका यह सही मायनों में हकदार थी।

पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बहुत उत्साह से मनाया गया। यह विशेष रूप से भारत के लिए एक खास दिन था। इसका कारण यह है कि प्राचीन काल में योग का जन्म भारत में हुआ था और इस स्तर पर इसे मान्यता प्राप्त होने के कारण यह हमारे लिए गर्व का विषय था। इस प्रकार देश में बड़े पैमाने पर इसे मनाया गया।

इस दिन के सम्मान में राजपथ, दिल्ली में एक बड़ा आयोजन आयोजित किया गया था। इस आयोजन में श्री मोदी और 84 देशों के उल्लेखनीय हस्तियों ने भाग लिया। इसके अलावा सामान्य जनता इस पहले योग दिवस समारोह के लिए बड़ी संख्या में एकत्रित हुई। इस योग दिवस के दौरान 21 योग आसन किए गए थे। प्रशिक्षित योग प्रशिक्षकों ने लोगों को ये आसन करने के लिए निर्देशित किया और लोगों ने बड़े उत्साह से उनके निर्देशों का पालन किया। इस आयोजन ने दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स सेट किए। पहला रिकॉर्ड सबसे बड़ी योग कक्षा के लिए बना जिसमें 35,985 प्रतिभागियों ने भाग लिया और दूसरा इसमें भाग लेने वाली देशों की सबसे बड़ी संख्या शामिल थी। आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा मंत्रालय, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (आयुष) ने इस आयोजन की व्यवस्था की थी। आयुष मंत्री श्रीपाद येसो नाइक को इसके लिए पुरस्कार मिला।

इसके अलावा देश में विभिन्न स्थानों पर कई योग शिविरों का आयोजन किया गया। विभिन्न योग आसन अभ्यास करने के लिए लोग पार्क, सामुदायिक हॉल और अन्य स्थानों में इकट्ठे हुए। योग प्रशिक्षकों ने लोगों को ये योग सत्र सफल बनाने के लिए प्रेरित किया। सामान्य जनता द्वारा दिखाया गया उत्साह आश्चर्यजनक था। न केवल महानगरों में रहने वाले लोगों ने बल्कि छोटे शहरों और गांवों में रहने वाले लोगों ने भी योग सत्रों का आयोजन किया और इनमें भाग लिया। यह वाकई एक नज़ारा था। इतनी बड़ी भागीदारी क्यों की जा सकी इसका एक कारण यह है था कि संयोगवश 21 जून 2015 को रविवार का दिन था।

उसी दिन एन सी सी कैडेटों ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में “एकल वर्दीधारी युवा संगठन द्वारा एक साथ सबसे बड़ा योग प्रदर्शन” अपना नाम दर्ज करवाया।

तो सब बातों में एक बात यह है कि यह एक अच्छी शुरुआत थी। लोग न केवल पहली बार प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में बाहर आए बल्कि योग को भी अपनी दैनिक दिनचर्या में भी शामिल करने के लिए प्रेरित किया। योग प्रशिक्षण केन्द्रों पर योग दिवस के बाद विभिन्न योग सत्रों में दाखिला लेने के लिए बड़ी संख्या में लोगों को देखा गया। भारत के लोग पहले से ही योग के महत्व के बारे में जानते थे लेकिन योग दिवस की शुरुआत ने इसे आगे बढ़ाया। यह उन्हें स्वस्थ जीवन शैली की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता था। दूसरी ओर दुनिया भर के कई लोगों के लिए यह एक नई अवधारणा थी। वे इस तरह की एक महान कला के लिए ख़ुद को धन्य महसूस करते थे। इसलिए यह दिवस भारत और साथ ही विदेशों में भी कई नए योग केंद्रों की स्थापना के रूप में चिह्नित है।

यह भारतीयों के लिए गर्व का विषय है कि मन और शरीर को फिट रखने के लिए हमारी प्राचीन कला स्वीकार की गई और दुनिया भर में इसकी सराहना की गई है। भारत कई तरह के खजानों का देश है और हम दुनिया के साथ उनमें से सबसे अच्छे खजानों में से एक को साझा करते हुए बहुत प्रसन्न हैं।

Essay on International Yoga Day in Hindi

FAQs: Frequently Asked Questions on International Yoga Day in Hindi

उत्तर: योग की छह शाखाएं हठ योग, राज योग, ज्ञान योग, भक्ति योग, कर्म योग और तंत्र योग हैं।

उत्तर: मंडला चिन्ह, कमल के फूल का चिन्ह, चक्र चिन्ह, ओम चिन्ह आदि योग के कुछ लोकप्रिय प्रतीक हैं।

उत्तर: सलम्बा सिरसासन या शीर्षासन को योग के सभी आसनों का राजा माना जाता है।

उत्तर: हैंडस्टैंड स्कॉर्पियन को सबसे कठिन योग मुद्रा माना जाता है जिसके लिए बहुत ताकत के साथ सही संतुलन और लचीलेपन की आवश्यकता होती है।

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international yoga day essay in hindi

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध (International Yoga Day Essay In Hindi)

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध कैसे लिखें? International Yoga Day Essay In Hindi 2023: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय योग पद्दति को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए 27 सितंबर 2014 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पहल की। जिसके बाद 21 जून 2015 को पहली बार 170 से अधिक देशों में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।

International Yoga Day Essay In Hindi 2023 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध कैसे लिखें पढ़ें जानिए

इस वर्ष योग दिवस 2023 की थीम "वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग" है जो "एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य" के लिए हमारी साझा आकांक्षा को खूबसूरती से दर्शाता है। योग के प्रति जागरूकता बढ़ाने और योग का महत्व को समझाने के लिए हर साल योग दिवस मनाया जाता है। स्कूल, कॉलेज, ऑफिस और राजनीतिक मंच पर भी योग पर बड़े बड़े भाषण दिए जाते हैं। ऐसे में अगर आपको भी योग पर निबंध या अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध लिखना पढ़ना है तो, करियर इंडिया हिंदी आपके लिए बेस्ट योग दिवस पर निबंध लेकर आया है, जिसकी मदद से आप आसानी से योग दिवस पर निबंध लिख व पढ़ सकते हैं।

योग दिवस पर निबंध कैसे लिखें पढ़ें? How To Write Essay On Yoga Day

योग के नियमित अभ्यास से आपके तन और मन को शांति का अनुभव होता है। इस तेज दौड़त-भागती जीवनशैली में अक्सर लोग मानसिक तनाव से जूझ रहे होते हैं। योग से मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने में बहुत मदद मिलती है। केवल मानसिक स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि योग से कई गंभीर शारीरिक समस्याओं का भी निवारण होता है। आज के समय में कई डॉक्टर दवाओं के साथ ही बीमार व्यक्ति को रोजाना योग अभ्यास करने की सलाह देते हैं। यह सबसे अच्छी दवा के रूप में कार्य करता है। नियमित योग से लंबी बीमारियों से भी छूटकारा पाया जा सकता है। केवल देश में ही नहीं बल्कि विश्व के कई प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी में योग के गुणों की व्याख्या की जाती है और दुनिया के हर प्रांत के लोगों को योग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। वैज्ञानिकों ने भी योगाभ्यास पर कई शोध किये हैं और इसे स्वस्थ मानव जीवन के लिए श्रेष्ठ बताया है।

योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। योग दिवस की शुरुआत भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2015 में की गई थी। इस महत्वपूर्ण दिन को बढ़ावा देने और लोगों को इस दिन के महत्व को जानने में मदद करने के लिए हर स्कूल और कॉलेज योग दिवस पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन करते हैं। छात्र अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ निबंध की तैयारी करते हैं और यह आपके दैनिक जीवन में योग को शामिल करने के महत्व के बारे में जागरूकता लाने में भी मदद करता है। योग दिवस निबंध का यह ड्राफ्ट काफी मददगार होगा।

योग दिवस पर निबंध - #1 Essay On Yoga Day In Hindi

योग दिवस पर निबंध - #1 Essay On Yoga Day In Hindi

योग केवल आपकी कैलोरी बर्न करने और आपकी मांसपेशियों को टोन करने में काफी मददगार है। योग शरीर के साथ साथ दिमाग की भी कसरत करता है। योग से आप अपने मन और शरीर को आराम दे सकते हैं। इस योग दिवस निबंध में आप योग के लाभकारी प्रभावों के बारे में जानेंगे। योग के 100 से अधिक विभिन्न रूप हैं। कुछ तेज गति और तीव्र हैं। अन्य कोमल और आरामदेह हैं। योग प्राचीन भारतीय परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह मन और शरीर की एकता का प्रतीक है, विचार और क्रिया, संयम और पूर्ति, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य और स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है। योग शब्द का शाब्दिक अर्थ है मिलन। योग के माध्यम से आप जीवन के यांत्रिकी को गहराई से खोज सकते हैं।

तथ्य यह है कि योग जीवन का एक तरीका है। जबकि अन्य सभी व्यायाम आपकी शारीरिक स्थितियों का ध्यान रखते हैं, योग आपको अपने मन और शरीर को नियंत्रित करने में मदद करता है। विभिन्न योग मुद्राएं या आसन हैं जो आपके शरीर को फिट और स्वस्थ रखने में आपकी मदद करते हैं। प्राणायाम या सांस लेने का व्यायाम आपको अपने मन और आत्मा को फिर से जीवंत करने में मदद करता है। ऐसा कहा जाता है कि आपको अपने दिन की शुरुआत प्राणायाम से करनी चाहिए और यह आपको बेहतर सोचने और शांत और शांतिपूर्ण रहने में मदद करता है। गतिहीन जीवन शैली, अस्वास्थ्यकर आहार और तनाव - ये सभी विभिन्न बीमारियों को जन्म देते हैं। योग आपको व्यायाम के माध्यम से इन सभी को नियंत्रित करना सिखाता है।

पूरी दुनिया में योग का अभ्यास करने और योग दिवस के रूप में मनाने के लिए एक विशेष तिथि की शुरुआत भारतीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। छात्रों के लिए एक योग दिवस निबंध में, यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि योग का अंतर्राष्ट्रीय दिवस जिसे विश्व योग दिवस भी कहा जाता है, 21 जून को मनाया जाता है। घोषणा भारतीय प्रधान मंत्री द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान बुलाए जाने के बाद की गई थी।

योग के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के आयोजन का उत्सव विभिन्न वैश्विक नेताओं द्वारा समर्थित है। संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, कनाडा सहित 170 से अधिक देशों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया, जो पहली बार 21 जून 2015 को मनाया गया था। यह योग प्रशिक्षण परिसर, योग प्रतियोगिताओं और कई अन्य गतिविधियों का आयोजन करके अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया गया था। दैनिक आधार पर योग का अभ्यास करके आप असंख्य लाभों के बारे में अपनी जागरूकता बढ़ाने के लिए गतिविधियाँ कर सकते हैं। यह आयोजन पूरी दुनिया में जनता के बीच योग के लाभकारी प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है।

इस प्रकार यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है; ध्यान या 'ध्यान' आपको अपने मन को अनुशासित करना सिखाता है। योग के व्यवस्थित अभ्यास से आप अपनी नकारात्मक सोच को दूर कर सकते हैं जो बदले में आपको आत्मविश्वास देता है और आपकी मानसिक शक्ति को बढ़ाता है। इससे आत्म-जागरूकता बढ़ती है और आपको अपना ध्यान और एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है; इसलिए योग बच्चों के लिए भी उपयुक्त है।

छात्रों के लिए योग दिवस पर निबंध #2 Yoga Day Essay For Students

छात्रों के लिए योग दिवस पर निबंध #2 Yoga Day Essay For Students

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। पूरी दुनिया में योग का अभ्यास करने और योग दिवस के रूप में मनाने के लिए एक विशेष तिथि निर्धारित करने की शुरुआत भारतीय प्रधान मंत्री द्वारा की गई थी। बच्चों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस निबंध में, यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा भारत के लिए एक महान क्षण है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा विश्व योग दिवस के रूप में घोषित होने में तीन महीने से भी कम समय लगा। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में 27 सितंबर को इसका आह्वान किया था जिसे अंततः 11 दिसंबर 2014 को घोषित किया गया था। यह इतिहास में पहली बार था कि किसी भी देश की पहल को संयुक्त राष्ट्र निकाय में प्रस्तावित और कार्यान्वित किया गया है। आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए आपको एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए महासभा द्वारा वैश्विक स्वास्थ्य और विदेश नीति के तहत इस संकल्प को अपनाया गया है। इस दिन का आधिकारिक नाम संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है और इसे योग दिवस भी कहा जाता है। यह योग, ध्यान, वाद-विवाद, बैठकों, चर्चाओं, विभिन्न सांस्कृतिक प्रदर्शनों आदि के अभ्यास के माध्यम से सभी देशों द्वारा मनाया जाने वाला एक विश्वव्यापी कार्यक्रम है।

भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए विशेष रूप से योग के लिए एक दिन अपनाने के लिए अपने विचार रखे हैं। उन्होंने विश्व के नेताओं से नकारात्मक जलवायु परिवर्तन के कारण गिरते स्वास्थ्य से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को अपनाने के लिए कहा। विशेष रूप से, उन्होंने 21 जून को योग के अंतर्राष्ट्रीय दिवस को अपनाने का सुझाव दिया क्योंकि यह दिन उत्तरी गोलार्ध क्षेत्रों में सबसे लंबा दिन है और साथ ही दुनिया के कई हिस्सों में इसका बहुत महत्व है। योग एक हिंदू आध्यात्मिक और तपस्वी अनुशासन है, जिसका एक हिस्सा, सांस नियंत्रण, सरल ध्यान और विशिष्ट शारीरिक मुद्राओं को अपनाने सहित, स्वास्थ्य और विश्राम के लिए व्यापक रूप से अभ्यास किया जाता है।

योग के फायदे : Benefits Of Yoga In Hindi

योग के फायदे : Benefits Of Yoga In Hindi

  • प्रतिदिन प्रातः काल योग अभ्यास से शारीरिक और मानसिक लाभ होता है।
  • योग मन और शरीर का एक संयुक्त कसरत है, जो आपके मस्तिष्क के कार्यों को बढ़ाता है।
  • योग तनाव को कम करता है और आपके शरीर और आत्मा को फिर से जीवंत करता है।
  • योग बच्चों के मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक विकास के लिए फायदेमंद है।
  • प्रतिस्पर्धा की इस दुनिया में योग तनाव और तनाव को कम करने में मदद करता है।
  • यह आपको फ्लेक्सिबल बनाने में, तनाव का प्रबंधन करने, शारीरिक मुद्रा, स्मृति और एकाग्रता में सुधार करने में मदद करता है।
  • इन लाभों के अलावा, योग रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन बनाए रखने में भी मदद करता है
  • यह शारीरिक तनाव को कम करता है और पीठ के निचले हिस्से को मजबूत करता है।
  • योग आपको अपने मन, शरीर और आत्मा के बीच पूर्ण सामंजस्य स्थापित करने में मदद करता है।
  • योग आपके सिस्टम से सभी नकारात्मकता को दूर करता है और एक स्वस्थ और सुखी जीवन की उपलब्धि में बढ़ावा देता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध 500 शब्द में Essay on Yoga Day In 500 Words

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध 500 शब्द में Essay on Yoga Day In 500 Words

वर्ष 2015 में शुरू हुआ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को पूरी दुनिया में मनाया जाता है और इसकी शुरुआत भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने की थी। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरूआत के बाद से एक बड़ी सफलता रही है। हर साल योग दिवस पर विशाल कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। पहले योग दिवस पर यानी 21 जून 2015 को, लगभग 35,985 लोग, जिनमें स्वयं प्रधानमंत्री भी शामिल थे, राजपथ, नई दिल्ली पर एकत्रित हुए, और लगभग 21 योग मुद्राओं का अभ्यास 35 मिनट से अधिक समय तक किया।

दूसरा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस चंडीगढ़ में आयोजित किया गया। जहां भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को योग के लाभों के बारे में जागरूक किया। प्रधानमंत्री सहित हजारों लोगों ने योग मुद्राओं का अभ्यास किया। जनमानस को प्रोत्साहित करने के लिए नरेंद्र मोदी ने एक अद्भुत और प्रेरक परिचयात्मक भाषण दिया कि कैसे योग जीवन को बेहतर बनाता है।

वर्ष 2016 में पूरे देश में कई बड़े और छोटे कार्यक्रम हुए जहां भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल और भारतीय सेना योग का अभ्यास करने के लिए एकत्रित हुई। और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पूरी दुनिया में उसी उत्साह के साथ मनाया जाता है।

तीसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री करीब 51 हजार लोगों के साथ लखनऊ में रमाबाई अंबेडकर स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को भव्य तरीके से मनाने के लिए जमा हुए। तब तक बहुत से लोगों ने योग को अपने दैनिक जीवन में शामिल करना शुरू कर दिया था और प्रतिदिन योग का अभ्यास करने के लिए अधिक उत्साहित थे। उन्होंने अन्य लोगों को भी प्रेरित करना शुरू कर दिया था जो योग का अभ्यास नहीं करते थे।

तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में भारत के राष्ट्रपति ने स्वयं भी योग दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाया था। चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को बड़ी सफलता मिली और देश के कई हिस्सों में भव्य रूप से मनाया गया, और उनमें से सबसे भव्य आयोजन देहरादून, उत्तराखंड में किया गया।

देहरादून का घंटाघर उस दिन के लिए योग का अभ्यास करने का स्थान था और श्री नरेंद्र मोदी के साथ हजारों लोग थे। योग एक व्यक्ति के जीवन में अपने जीवन को व्यवस्थित करने और उसे अपने शरीर को फिट और दिमाग को शांत रखने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण है। गोलियां और स्वास्थ्य पूरक लेने से शरीर पर योग के समान प्रभाव नहीं पड़ता है, और यही कारण है कि योग चिकित्सक दूसरों को योग को अपनी दिनचर्या के हिस्से के रूप में लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ने योग के अभ्यास के विचार और लाभों को बढ़ावा देने में मदद की है और हजारों लोगों को प्रोत्साहित किया है और इसे जारी रखा है।

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस निबंध International Yoga Day Essay in Hindi

इस लेख में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध (International Yoga Day Essay in Hindi) स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए लिखा गया है। इस लेख में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्या है, इसका इतिहास, महत्व इत्यादि महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल की गई हैं।

Table of Content

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध (International Yoga Day Essay in Hindi)

भारत की संस्कृति द्वारा दुनिया को दिया गया एक अनमोल उपहार योग है। प्राचीन समय से शारीरिक, आध्यात्मिक और मानसिक स्थिति को बेहतर करने के लिए योगाभ्यास किया जा रहा है। 

भारत से उपजी यह पद्धति हजारों साल पुरानी है। योग केवल मनुष्य को व्यायाम करने के लिए ही लाभकारी नहीं है, बल्कि यह मानसिक चेतना तथा आध्यात्मिकता को भी बढ़ावा देता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्या है? What is International Yoga Day in Hindi

स्वास्थ्य यह प्रत्येक मनुष्य का पहला ध्येय होना चाहिए। योग का महत्व हर किसी को समझना चाहिए और उसे अपने जीवन में एक सामान्य कार्य के रूप में अपनाना चाहिए।

आज के युग में लोग अपने कार्य शैली में इतने व्यस्त हो गए हैं, कि उन्हें जीवन में अपने स्वास्थ्य के लिए अलग समय निकालने का अवसर ही नहीं मिलता। यदि एक बार स्वास्थ्य खराब हो जाता है तो उसे ठीक करने में कई दिनों अथवा हफ्तों का समय लग जाता है। 

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस यह किसी धर्म विशेष के लोगों के लिए नहीं बल्कि पूरे मानव समाज के लिए है, जो बिना किसी रुकावट के इसे अपने जीवन में अपना सकते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध INTERNATIONAL YOGA DAY ESSAY IN HINDI

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है? – इतिहास Why is International Yoga Day celebrated? – History in Hindi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र सभा में 177 देशों द्वारा समर्थन दिया गया। योग से संबंधित इस प्रस्ताव को 90 दिनों के अंदर ही पूरे बहुमत के साथ मंजूरी दे दी गई। 

संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को पारित करने के पश्चात 21 जून 2015 को सभी देशों में योग दिवस मनाया गया। यदि योग के उद्भव की बात करें तो माना जाता है कि इसकी शुरुआत स्वयं भगवान शिव द्वारा की गई थी। 

इसके अलावा हिंदुओं के सबसे पवित्र ग्रंथ भगवत गीता में भी योग के तीन प्रकार बताए गए हैं, जिनमें कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग का समावेश होता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का महत्व Importance of International Yoga Day in Hindi

आजकल के भागदौड़ भरी जीवनशैली में किसी को इतना समय नहीं मिल पाता कि वे स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए कोई अन्य क्रियाकलाप करें। ऐसी स्थिति में लोगों का झुकाव योग की तरफ हुआ है। 

काम के बोझ से लोग अपना तनाव और थकान दूर करने के लिए योग का सहारा लेते हैं। योग में इतनी शक्ति है, कि वह बिना किसी दवाई को ग्रहण किए बीमारियों को ठीक करने की क्षमता रखता है। स्वस्थ रहने के लिए साधारण और पोषक तत्वों से परिपूर्ण खानपान के अलावा योगा करना भी बहुत आवश्यक है।

जब से दुनिया में कोरोना वायरस का प्रकोप फैला है, तभी से लोग स्वास्थ्य के लिए बहुत सजग हो गए हैं। महामारी के दौरान लोगों के पास दो ही विकल्प बचते हैं, या तो वे अपने स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए योग का सहारा ले या फिर कमजोर इम्यून सिस्टम की वजह से अपनी जान गवा बैठे। 

यदि बिना पक्षपात किए देखा जाए तो जब लोगों को कोई बीमारी होती है, तो वे जल्दी ठीक होने के लिए एलोपैथ का सहारा लेते हैं जिसकी दवाइयां शरीर में जाते ही बीमारियां तो ठीक कर देती है लेकिन शरीर कमजोर पड़ जाता है।

लेकिन योग में ऐसा कुछ भी नहीं होता है, क्योंकि योग यह भौतिक रूप से किया जाने वाला अभ्यास है, जिससे केवल सकारात्मक प्रभाव ही देखा जाता है। योग यह बड़े से बड़े रोगों को ठीक करने की क्षमता रखता है।

यदि देखा जाए तो आधुनिक युग के युवा पीढ़ी अपना स्वास्थ्य अच्छा रखने के लिए जिम जाते हैं। लेकिन योग की बराबरी कोई भी अन्य अभ्यास नहीं कर सकता। योग की सबसे अच्छी बात यह है कि इसे कोई भी सीख सकता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि यह सनातन धर्म की संस्कृति से जुड़ा हुआ है। आदि योगी जो भगवान शिव का दूसरा नाम है, उन्होंने ग्रीष्म संक्रांति के समय ही योग की शुरुआत की थी। 

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब है? When is International Yoga Day in Hindi

भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में 21 जून के दिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। हालांकि योग यह भारत के सबसे प्राचीन परंपरा का हिस्सा है, लेकिन इसे पहली बार 2015 में दुनिया द्वारा अपनाया गया।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 थीम International Yoga Day 2022 Theme in Hindi

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कैसे मनाया जाता है how is international yoga day celebrated in hindi.

पहले योग दिवस को यादगार बनाने के लिए देश की सरकार ने योग गुरु बाबा रामदेव के साथ कई बड़े कार्यक्रम आयोजित किए थे।

पहली बार राजपथ के समारोह में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही लगभग 36000 लोगों ने इस समारोह में हिस्सा लिया।

हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के समारोह में हजारों लोगों द्वारा योग किया जाता है। इन कार्यक्रम में कई योग गुरुओं को अतिथि स्वरूप बुलाया जाता है, जो लोगों को योग करने में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। भारत के गौरव भारतीय सेनाओं द्वारा भी एक साथ मिलकर कैंपों में योगा किया जाता है।

निष्कर्ष Conclusion

international yoga day essay in hindi

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 पर निबंध | International Yoga Day Essay in Hindi

International Yoga Day Essay in Hindi

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 पर निबंध: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। इस दिन योग दिवस के उपर निबंध लिखने के लिए कह दिया जाता है जिसके मद्देनजर हम इस लेख में आपके लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध लेकर आए हैं। उल्लेखिनय है कि योग मन और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम का एक प्राचीन रूप है। इसकी उत्पत्ति सिंधु सभ्यता के दौरान उत्तरी-भारत में हुई थी। योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है, जिसका अर्थ है मिलन। यह प्राचीन काल में ऋषियों द्वारा अभ्यास किया गया था और वैदिक साहित्य में इसका उल्लेख किया गया है। योग को राज, भक्ति, ज्ञान, कर्म, मंत्र और हठ योग में विभाजित किया गया है। योग के आसन और मुद्राएं शरीर को मानसिक और शारीरिक रूप से लाभ पहुंचाती हैं। ध्यान और सांस लेने के व्यायाम नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाने में सहायता करते हैं। सूर्य नमस्कार ’या सूर्य नमस्कार पूर्ण योग का एक रूप है जो शरीर के संपूर्ण विकास और विकास में मदद करता है। पतंजलि को आधुनिक योग के जनक के रूप में जाना जाता है। इस लेख में हमने कक्षा 1,2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 और निबंध प्रतियोगिताओं के लिए आसान और सरल शब्दों में हिंदी में विस्तृत अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस निबंध प्रदान किया है। इसके साथ ही कई पॉइन्ट में इस लेख को विभाजित किया है जो आपको 300 शब्दों से लकर 800 शब्दों तक में मिलेगा। इस लेख में यूज किए गए पॉइन्ट वह है  अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध | International Yoga Day Short Essay in Hindi (300 शब्द)अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध | International Yoga Day Essay in Hindi (500 शब्द),अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध | Antarrashtriya Yog Divas par Nibandh Hindi mein (700 शब्द) , अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध in PDF,अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 10 वाक्य।इस लेख को पूरा पढ़े और बहतरीन लेख का लाभ लें।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध | International Yoga Day Short Essay in Hindi (300 शब्द)

योग की प्राचीन स्वस्थ जीवन कला को हर साल 21 जून के दिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रुप में मनाया और  सम्मानित किया जाता है। योग शब्द संस्कृत भाषा से बना है जिसका अर्थ है मिलन। योग का उद्देश्य शरीर और मन का मिलन कर उसमें सद्भाव लाना 21 जून कि तिथि भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव पर चुनी गई थी, जिन्होंने 21 जून को उत्तरी गोलार्ध में वर्ष के सबसे महत्वपूर्ण दिन के रूप में रखा था, जिसे दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सांस्कृतिक महत्व के दिन के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि योग किसी भी बीमारी के लिए सबसे अच्छी दवा है और लगातार अभ्यास से पूरे शरीर को ठीक करने की शक्ति रखता है। इस दिन को बढ़ावा देने के लिए, स्कूल और कॉलेज में कई तरह के आयोजन होते है जैसे कि निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद, भाषण और प्रश्नोत्तरी जैसी गतिविधियों का आयोजन करते हैं। इसके अलावा, विभिन्न योग शिविर विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए जाते हैं जहां भारत के प्रधान मंत्री कुछ उल्लेखनीय व्यक्तित्वों के साथ सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।

योग आंतरिक जागरूकता लाता है। यह मन और शरीर की शक्ति को विकसित करने में भी मदद करता है। जब आप भावुक होते हैं, तो अपनी भावनाओं पर हावी होना आसान हो जाता है। हमारा मूड यह निर्धारित करता है कि हम लोगों के साथ कैसे बातचीत करते हैं, हम कितना पैसा खर्च करते हैं, हम चुनौतियों से कैसे निपटते हैं और हम अपना समय कैसे व्यतीत करते हैं। योग इन भावनाओं और हमारे मूड को नियंत्रित करने में सहयोग करता है। योग का सबसे ज्यादा प्रभाव शारिरीक फिटनेस पर होता है। यह हमारे लचीलेपन को बढ़ाता है, मुद्रा में सुधार करता है, मांसपेशियों की ताकत और टोन बनाता है, रक्त प्रवाह बढ़ाता है, उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करता है, वजन घटाने में मदद करता है, संतुलन में सुधार करता है, पीठ दर्द कम करता है और हमारे शरीर में संतुलित चयापचय बनाए रखता है और हमारे शरीर को स्वस्थ्य रखने में पूरा योगदान देता है। योग करके आप अपने शरीर को अधिक लचीला बना सकते हैं। लचीला होने पर किसी व्यक्ति का शरीर कम दर्द का अनुभव करेगा। योग आपको बेहतर महसूस करने में मदद कर सकता है। प्रतिदिन 20 से 30 मिनट योगाभ्यास करने से व्यक्ति के शरीर में थकान नहीं होती है।

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध | Essay on International Yoga Day (500 शब्द)

यह भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी हैं जो अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का विचार लेकर आए थे। इसके माध्यम से वह भारत में उत्पन्न जीवन के इस समग्र दृष्टिकोण को पूरी दुनिया के साथ साझा करना चाहते थे। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को प्रस्ताव पसंद आया और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी गई। यह पहली बार वर्ष 2015 में मनाया गया था।माना जाता है कि योग की जड़ें भारतीय पौराणिक युग में हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव ने ही इस कला को जन्म दिया था। आदि योगी के रूप में भी जाना जाता है, शिव को दुनिया भर के सभी योग गुरुओं के लिए प्रेरणा के रूप में जाना जाता है, आमतौर पर यह माना जाता है कि यह उत्तरी भारत में सिंधु-सरस्वती सभ्यता थी जिसने 5,000 साल पहले इस शानदार कला की शुरुआत की थी। ऐसा माना जाता है कि ऋग्वेद में योग शब्द का उल्लेख पहली बार किया गया था। वहीं पहली बार योगा की व्यवस्थित प्रस्तुति शास्त्रीय काल में पंतजलि द्वारा की गई कही जाती है।

भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जिन्होंने योग दिवस मनाने का विचार प्रस्तावित किया, ने भी सुझाव दिया कि इसे 21 जून को मनाया जाना चाहिए। यह उनके द्वारा सुझाई गई कोई यादृच्छिक तारीख नहीं थी। इस तिथि को इस अवसर को मनाने का प्रस्ताव क्यों रखा गया, इसके कुछ कारण हैं। 21 जून उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और इसे ग्रीष्म अयनांत कहा जाता है। यह दक्षिणाय के लिए एक संक्रमण का प्रतीक है, जिसे एक ऐसी अवधि माना जाता है जो आध्यात्मिक प्रथाओं का समर्थन करती है। इस प्रकार यह योग की आध्यात्मिक कला का अभ्यास करने के लिए एक अच्छी अवधि मानी जाती है।इसके अलावा, किंवदंती है कि इस संक्रमण काल ​​के दौरान भगवान शिव ने योग की कला के बारे में ज्ञान साझा करके आध्यात्मिक गुरुओं को प्रबुद्ध किया था। इन सभी बिंदुओं पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा विचार किया गया था और 21 जून को अंततः मान्यता दी गई थी। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में।

योग सबसे अधिक लाभकारी गतिविधियों में से एक है जिसे एक व्यक्ति अपनी जीवन शैली में जोड़ सकता है। यह स्वस्थ शरीर और मन के लिए एक उत्कृष्ट गतिविधि है। यह चिंता, भय और घबराहट जैसी कई जीवन बाधाओं में भी मदद करता है। जब रोजाना पर्याप्त मात्रा में व्यायाम किया जाए, तो व्यक्ति अपने स्वास्थ्य को हमेशा दुरुस्त रख सकता है।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम ‘मानवता के लिए योग’ थी। हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की अलग थीम होती है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल योग संस्थानों और समाज के कई समुदायों में वर्ष की थीम का अनुसरण करके मनाया जाता है।

गौरतलब है कि योगा दिवस मनाने के लिए नरेंद्र मोदी और यूएनजीए ने 21 जून को चिह्नित किया वहीं इस दिन को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास भी अपनाएं गए और यह कुछ ही समय में दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गया। भारत में पहला योग दिवस जो कि 2015 में मनाया गया था वह बड़े पैमाने पर मनाया गया। इसमें दुनिया भर की कई जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की थी. तब से यह देश के साथ-साथ दुनिया के अन्य हिस्सों में समान उत्साह और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध | Antarrashtriya Yoga Divas Par Nibandh Hindi Mein (700 शब्द)

वर्ष 2014 में, भारतीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया था। प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा पसंद किया गया था और 21 जून 2015 को पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चिह्नित किया गया था। श्री मोदी द्वारा रखे गए प्रस्ताव और बाद में संयुक्त राष्ट्र द्वारा लिए गए निर्णय की दुनिया भर के आध्यात्मिक नेताओं और योग चिकित्सकों द्वारा सराहना और समर्थन किया गया। भारतीय आध्यात्मिक नेता और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री रविशंकर ने कहा कि योग पहले एक अनाथ की तरह था लेकिन अब नहीं है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता दिए जाने के बाद इस कला को वह कद मिला है जिसकी यह वास्तव में हकदार थी।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास

योग के लिए एक दिन होने का विचार भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र सिंह मोदी द्वारा 27 सितंबर 2014 को “मन की बात” में अपने एक भाषण में प्रस्तावित किया गया था। बाद में उन्होंने इस विचार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्तुत किया और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बनाने का निर्णय लिया गया। योग के लाभों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए योग दिवस घोषित किया जाता है।

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कारण 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है

भारतीय प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी, जिन्होंने योग दिवस मनाने का विचार प्रस्तावित किया, ने भी सुझाव दिया कि इसे 21 जून को मनाया जाना चाहिए। यह उनके द्वारा सुझाई गई कोई यादृच्छिक तारीख नहीं थी। इस तिथि को इस अवसर को मनाने के लिए प्रस्तावित किए जाने के कुछ कारण हैं।21 जून उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और इसे ग्रीष्म अयनांत कहा जाता है। यह दक्षिणाय के लिए एक संक्रमण का प्रतीक है, जिसे एक ऐसी अवधि माना जाता है जो आध्यात्मिक प्रथाओं का समर्थन करती है। इस प्रकार यह योग की आध्यात्मिक कला का अभ्यास करने के लिए एक अच्छी अवधि मानी जाती है।इसके अलावा, किंवदंती है कि यह इस संक्रमण काल ​​के दौरान था कि भगवान शिव ने आध्यात्मिक गुरुओं को उनके साथ योग की कला के बारे में ज्ञान साझा करके प्रबुद्ध किया।इन सभी बिंदुओं पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा विचार किया गया और अंततः 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी गई।

योग को बढ़ावा देने में भारत की भूमिका

योग की उत्पत्ति भारत में हुई। भारत में लगभग 5000 वर्षों से योग का अभ्यास किया जा रहा है; भारत में हर व्यक्ति योग के बारे में बहुत पहले से जानता है, लोग इसके फायदे जानते हैं, और यह दुनिया में लोकप्रिय होने से पहले किया गया है। भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में दिए अपने भाषण में अंतर्राष्ट्रीय योग को महत्वपूर्ण बनाने का विचार दिया।उन्होंने अपने भाषण में कहा, “योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह मन और शरीर की एकता; विचार और क्रिया; संयम और पूर्ति; मनुष्य और प्रकृति के बीच सद्भाव; स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण का प्रतीक है। यह व्यायाम के बारे में नहीं है बल्कि अपने आप से, दुनिया और प्रकृति के साथ एकता की भावना की खोज के बारे में है। हमारी जीवन शैली को बदलने और चेतना पैदा करने से भलाई में मदद मिल सकती है। आइए हम एक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को अपनाने की दिशा में काम करें। “इसके साथ, संयुक्त राष्ट्र विधानसभा ने इसे स्वीकार किया प्रस्ताव और हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का फैसला किया। साथ ही, स्कूलों में कई अभ्यास आयोजित किए जा रहे हैं जैसे अंग्रेजी और अन्य स्थानीय भाषाओं में छात्रों के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस निबंध लिखना।

यह आश्चर्यजनक है कि मन, शरीर और आत्मा को ठीक करने का यह पुराना तरीका अभी भी कैसे काम करता है। दुनिया भर के योग चिकित्सक लोगों को अपने नियमित जीवन में योग को शामिल करने की सलाह देते हैं। किसी विशेष दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता देने के पीछे का कारण यह भी है कि इसे हमारे जीवन में शामिल करने के महत्व पर जोर दिया जाए।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर 21 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत हमारे माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य फिटनेस, मन, शरीर और आत्मा की शारीरिक स्वास्थ्य फिटनेस प्रदान करना है। यह हमारे शरीर का कायाकल्प भी करता है और हमें शांत रखता है। इस दिन माता-पिता के साथ स्कूल में कई गतिविधियां होती हैं।

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध in PDF

इस पॉइन्ट के जरिए हम आपको अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध in PDF में उपलब्ध करा रहे है जो आप आगे भविष्य में कभी भी इस्तमाल कर सकते है और जब मन होने पर पढ़ सकते है और लोगों को पढ़ा सकते है। आगे भविष्य में इस लेख को पढ़ने के लिए इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध in PDF को आप डाउनलोड़ कर सकते हैं।

PDF डाउनलोड़ :

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 10 वाक्य

  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की अवधारणा हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी।
  • संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2014 में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था।
  • पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस नई दिल्ली के राजपथ में धूमधाम से मनाया गया।
  • इस कार्यक्रम में 36,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया और हमारे प्रधान मंत्री ने लगभग 35 मिनट के सत्र में 21 योग आसनों का प्रदर्शन किया।
  • लगातार वर्षों में, योग दिवस के लिए राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम क्रमशः चंडीगढ़ और लखनऊ में आयोजित किए गए।
  • योग के लाभों को स्वीकार करने के लिए विश्व स्तर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • योग शरीर और दिमाग को संतुलित करने में मदद करता है और समग्र स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है।
  • योग में विभिन्न आसन और श्वास तकनीक शामिल हैं जो शरीर और मांसपेशियों को शांत और आराम करने में मदद करते हैं।
  • योग का अभ्यास युवा, वयस्क और बुजुर्ग समान रूप से करते हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ने दुनिया भर में योग के बारे में जागरूकता फैलाई है और शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से आवश्यक अभ्यास के रूप में योग की भावना को पुनर्जीवित किया है।

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FAQ’s : Essay On International Yoga Day 2023

Q.अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया जाता है .

Ans. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है।

Q.अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है ?

Ans. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस योग के महत्व और लोगों के स्वास्थ्य पर इसके सकारात्मक प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए की गई एक पहल थी।

Q.अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव किसने रखा था?

Ans. भारत में, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महासभा के 69वें सत्र में रखा गया था।

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस निबंध 2024 International Yoga Day Essay in Hindi

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस निबंध Short International Yoga Day Essay in Hindi Language  सभी पाठकों को विश्व / अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024  की हार्दिक बधाई देते हैं.

हम सभी जानते है, कि प्रत्येक वर्ष वर्ल्ड योगा डे 21 जून  को  मनाया जाता हैं. भारत की संस्कृति से जुड़ी इस जीवन पद्धति को विश्व ने सहर्ष स्वीकारा हैं.

योग दिवस 2024 निबंध में  हम स्टूडेंट्स के लिए सरल भाषा में निबंध, भाषण स्पीच, अनुच्छेद, आर्टिकल पैराग्राफ नोट रिपोर्ट राइटिंग को सरल शब्दों में यहाँ प्रस्तुत करते हैं.

उम्मीद करते है आपकों योग डे एस्से 2024 इन हिंदी का यह लेख पसंद आएगा.

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस निबंध International Yoga Day Essay in Hindi

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस निबंध 2024 International Yoga Day Essay in Hindi

भारत में सदियों से योग परम्परा चली आ रही हैं जिसका स्वास्थ्य लाभ भारत के उन लोगों ने सदैव लिया जिन्होंने सकारात्मक दृष्टिकोण से योग को अपनी जीवन चर्या का अभिन्न अंग बनाया.

भारतीय संस्कृति और सभ्यता में योगाभ्यास का विशेष महत्व रहा है. भारत में वैदिक काल से ही सूर्यनमस्कार और अन्य योगासन को प्राथमिकता दी जाती थी, जो स्वास्थ्य सम्बंधित सम्पूर्ण विकारो को दूर करती है.

योगाभ्यास की दैनिक जीवन में पहल का होना उतना ही जरुरी है, जितना एक वृक्ष के लिए जड़ का. वैसे हर दिन योग किया जाना चाहिए तथा इसके प्रति आमजन में जागरूकता फ़ैलाने की आवश्यकता है. पर सरकार द्वारा घोषित योग दिवस विशेष के अवसर पर हमें इस परम्परा का पालन करते हुए अपने साथियों को इसके प्रति जागरूक बनाना है.

हमारी संस्कृति  वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा में यकीन रखती हैं. समूचे विश्व को हमने अपना परिवार माना है. हमारे पुरखों की देन चाहे वो आयुर्वैदिक चिकित्सा रही हो या योग हमने संसार को इससे परिचित करावाया है ताकि वे भी इससे लाभान्वित हो सके.

इतने वर्षों तक पश्चिमी दुनिया और यूरोपीय देश योग से अपरिचित थे. इसकी बड़ी वजह  इसके प्रचार  प्रसार में कमी  तथा कई सारे भारतीयों का भी योग के बारे में नकारात्मक दृष्टिकोण का होना था.  मगर पहली  बार 21 जून 2015  को माननीय  प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने योग दिवस को वैश्विक उत्सव के रूप में मनाने की पहल की.

देश का कोई भी नागरिक नही चाहेगा कि अपना देश बीमारियों से ग्रस्त रहे ऐसे में सभी नागरिको के समक्ष हमें सार्वजानिक मंचो पर सभी को यह दृढ संकल्पित कर उन्हें इसके प्रति सशक्त बनाना हमारा मुख्य उतरदायित्व होना चाहिए.

भारत के आयुष मंत्रालय माननीय प्रधानमन्त्री व विदेशों में रह रहे लाखों प्रवासी भारतीयों की ये मेहनत का ही परिणाम था  हम यूनाईटेडनेशन समेत समूचे विश्व को योग के लाभों जीवन में इसके  महत्व को समझा  सके.

इसी के परिणाम स्वरूप आज 21 जून के दिन न केवल  राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि  अंतर्राष्ट्रीय स्तर  पर भारत की जड़ों से जुड़े योग को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता हैं.

ये  दिन प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व करने का दिन हैं. हम अपनी  पुरातन संस्कृति का सम्मान करेगे  तो  निश्चय  ही विश्व भी हमें सम्मान की नजरों से देखेगा.

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस International Yoga Day 2024

हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का उद्देश्य यह है कि लोग एक दूसरे से जुड़े अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बने. योग की जीवन शैली को अपनाकर स्वस्थ व तन्दुरस्त रहे.

अच्छे स्वास्थ्य के बिना विश्व का विकास सम्भव नहीं हैं. इस  दिवस  मनाने के पीछे मूल ध्येय यही हैं.  विश्व भर  में मनाए जाने वाले इस उत्सव  से भारत का  सम्मान बढ़ा हैं साथ  ही अपेक्षाएं  भी हम  न केवल लोगों को प्रशिक्षित व जागरूक करें बल्कि भविष्य में भी लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी हमारी परम्पराओं से उन्हें लाभ दे.

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भाषण निबंध अनुच्छेद International Yoga Day essay speech in hindi

आज विश्व जिस कोरोना महामारी के कारण  संकट के दौर से गुजर रहा हैं,  ऐसे में रोग किस तरह स्वास्थ्य सुधार की  दिशा  में मदद कर सकता हैं.

भविष्य में इस तरह के किसी वायरस से लड़ने में योग की क्या  भूमिका रहेगी इस वर्ष  के आयोजन में  हमें मिलकर विचार करना होगा.

साथ ही आयुर्वेद जैसी स्वास्थ्य वर्धक चिकित्सा प्रणाली को इस मानवीय संकट के समय विश्व की मदद के लिए कैसे काम कर सकती हैं इस बारे में भारत के जानकार विद्वानों को काम करने की आवश्यकता हैं.

भारत सरकार की ओर से 27 सितम्बर 2014 को योग दिवस वैश्विक स्तर पर मनाने एवं मान्यता  दिलाने बाबत संयुक्त  राष्ट्र संघ में प्रस्ताव रखा गया था.

जिसे  यूएनओ द्वारा 11 दिसम्बर 2014 को ही  स्वीकृत कर  दिया गया था.  इसके  बाद से विश्व भर में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा.

पश्चिमी देशों  के लहजे में इसे  योगा दिवस  कहा जाता हैं जबकि हम भारतीय इसे योग दिवस  कहते  हैं. इस  दिन सभी देशों में लोग सामूहिक रूप से योग कार्यक्रमों में भाग लेते है तथा इस पर विचार गोष्ठियों एवं जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं.

योग के फायदे व जीवन में महत्व Essay On Importance & Benefits of Yoga in Hindi

लगभग पांच हजार वर्ष पूर्व ज्ञात हुई योग विद्या भारत में सदियों से फल फूल रही हैं. आध्यात्म के साथ  योग का  गहरा  रिश्ता रहा हैं. आज योग को लेकर समस्त सीमाओं का खंडन किया जा चूका हैं.

प्रत्येक मानव  इस  स्वास्थ्य  औषधि के लाभ को  लेने हेतु अग्रसर हैं. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस  इस दिशा में बड़ी पहल हैं. मानव जीवन  के लिए यह कितना महत्वपूर्ण  है  इसका  भान कराने के लिए इस दिवस पर सभाओं, प्रतियोगिताओं एवं नाटकों  के जरिये जन जागरुकता कार्यक्रम चलाने की  अब जरूरत हैं.

योग दिवस पर भारत में विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं. इसे  जन आन्दोलन  बनाने के लिए देश के बड़े पदाधिकारी प्रधानमंत्री मंत्री अन्य राजनेता,फिल्म एवं खेल जगत से जडी हस्तियाँ योग करते है

व अपने अपने तरीके से जनता के लिए संदेश जारी करते हैं.  हमें जानना  चाहिए कि योग  क्यों जरूरी  है तथा इसके स्वास्थ्य लाभ क्या क्या हैं  इसे जानते हैं .

  • योग एक वैज्ञानिक पद्धति है जिसके समक्ष स्वास्थ्य लाभ देने वाले कोई शारीरिक व्यायाम नहीं हैं.
  • यह व्यक्ति को न केवल शारीरिक रूप से मजबूत बनाता है बल्कि मानसिक एवं बौद्धिक रूप से सशक्त करता है.
  • योग करने के लिए कोई विशिष्ट कोर्स ट्रेनिंग या यंत्रों की आवश्यकता नहीं होती हैं, थोड़े से मार्गदर्शन से इसे किया जा सकता हैं.
  • नित्य योग करने से न केवल बड़ी बड़ी बीमारियों का ईलाज सम्भव है बल्कि ये होने वाले रोगों से भी बचाता हैं.
  • उठते ही व्यायाम करने से दिनभर आलस्य, बेचेनी, तनाव से मुक्ति सम्भव हैं.
  • मानसिक शान्ति, सहजता तथा अच्छे बौद्धिक संतुलन तथा स्मृति विकास में योग कारगर हैं.
  • बच्चें बूढ़े महिलाएं सभी वर्गों के लिए योग स्वीकार्य एवं स्वास्थ्यवर्धक हैं.
  • पढाई या काम में मन लगाने तथा सकारात्मक विचारों को योग जन्म देता हैं.

International Yoga Day 2024: 21 जून को क्यों मनाया जाता है विश्व योग दिवस का इतिहास

World Yoga Day : भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से 21 जून के दिन विश्व भर में वर्ल्ड योगा डे मनाया जाता हैं.

भारतीय दर्शन का अंग योग को विश्व भर में प्रचारित प्रसारित करने तथा लोगों को इसके लाभों से अवगत कराने की खातिर नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 की uno की महासभा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने का प्रस्ताव रखा था.मोदी के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद 21 जून को प्रतिवर्ष योग दिवस मनाया जाता हैं.

21 जून के दिन ही योग दिवस मनाने के पीछे कारण यह हैं कि हमारे ज्योतिष विज्ञान में इस दिन के साथ एक और घटना जुड़ी हैं दरअसल 21 जून का दिन उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे लम्बा दिन होता हैं इसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहा जाता हैं.

इस दिन के बाद से ही सूर्य दक्षिणायन हो जाता हैं. इस कारण यह दिन आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने का सबसे बड़ा अवसर माना जाता हैं. इसी तर्क को आधार मानते हुए हर साल 21 जून को ही विश्व योग दिवस मनाया जाता हैं.

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बारे में इस आर्टिकल में दी गई  जानकारी यदि आपकों पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

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छात्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध

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  • Updated on  
  • जून 19, 2024

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध

21 जून को इंटरनेशनल योगा डे मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच योग और उसके महत्व के प्रति जागरुकता पैदा करना है। विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इस दिन योग के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है और इसके फायदे बताए जाते हैं। यह दिन लोगों को रोज़ाना/ नियमित रूप से योगाभ्यास करने की अपील करता है। नियमित योगाभ्यास से शरीर फिट, तंदरुस्त और बीमारियों से लड़ने में अधिक सक्षम बनता है। इस ब्लॉग में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध दिए गए हैं यदि आप इस बारे मैं अधिक जानना चाहते हैं तो इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

21 जून को ही क्यों मनाते हैं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, सबसे पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया गया था , अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध (300 शब्द), अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध (400 शब्द), अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध (500 शब्द), अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध (600 शब्द), योग पर 10 लाइन.

अब सवाल आता है कि 21 जून को ही क्यों योग दिवस मनाया जाता है? इसके पीछे यह कारण है कि यह दिन उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है। 21 जून के दिन को ग्रीष्म संक्रांति (Summer Solstice) भी कहते हैं।

भारतीय परंपरा के अनुसार, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है। सूर्य दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए उपयुक्त है। इसलिए, 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चुना गया।

सबसे पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 11 दिसंबर 2014 को अपने प्रस्ताव में घोषित किया गया था। संकल्प भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पेश किया गया था, और इसे संयुक्त राष्ट्र के सदस्य से भारी समर्थन मिला था। उद्घाटन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में योग के अभ्यास और इसके लाभों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों में योग कार्यक्रमों और प्रदर्शनों के साथ दुनिया भर के लोगों की भागीदारी देखी गई।  तब से हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध 300 शब्द में नीचे दिया गया है:

प्रस्तावना:

योग का अभ्यास करने के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।  यह दिन दुनिया भर के लोगों को योग की प्राचीन प्रथा को अपनाने और बेहतर स्वास्थ्य के लिए इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल करने का अवसर प्रदान करता है।

योग क्या है?

योग एक प्राचीन विद्या है जिसकी उत्पत्ति भारत में हजारों वर्ष पहले हुई थी।  इसमें शारीरिक आसन (आसन), श्वास अभ्यास (प्राणायाम), ध्यान और नैतिक सिद्धांत शामिल हैं।  योग का अभ्यास मन, शरीर और आत्मा को एकीकृत करके समग्र कल्याण को बढ़ावा देता है।

21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का महत्व उत्तरी गोलार्ध में वर्ष के सबसे लंबे दिन ग्रीष्म अयनांत के साथ इसके संरेखण में निहित है।  यह चुनाव सूर्य और योग के बीच महत्वपूर्ण संबंध का प्रतीक है, प्रकृति और मानव शरीर के बीच सामंजस्य पर जोर देता है।

संयुक्त राष्ट्र ने योग की सार्वभौमिक अपील और समाज में बेहतर स्वास्थ्य और सद्भाव को बढ़ावा देने की इसकी क्षमता को मान्यता दी।  2014 में, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के एक प्रस्ताव के बाद, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया।  इस वैश्विक मान्यता के कारण दुनिया भर में योग से संबंधित गतिविधियों और आयोजनों में व्यापक भागीदारी हुई है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस शारीरिक फिटनेस, मानसिक कल्याण और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।  योग कई लाभ प्रदान करता है, जिसमें बढ़ा हुआ लचीलापन, बेहतर ताकत और मुद्रा, तनाव में कमी, बढ़ी हुई एकाग्रता और आंतरिक शांति की भावना शामिल है।  योग का अभ्यास करके, व्यक्ति आत्म-जागरूकता, सचेतनता और जीवन के प्रति संतुलित दृष्टिकोण विकसित कर सकते हैं।

इस दिन, योग के प्रति उत्साही और पेशेवर विभिन्न शहरों और कस्बों में कार्यशालाओं, प्रदर्शनों और सामूहिक योग सत्रों का आयोजन करते हैं।  ये आयोजन सभी उम्र के लोगों को योग की परिवर्तनकारी शक्ति का अनुभव करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।  अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की समावेशी प्रकृति विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और विश्वासों के व्यक्तियों को एक साथ आने और योग की एकता का जश्न मनाने की अनुमति देती है।

उपसंहार: 

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस योग के अत्यधिक लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने वाला एक महत्वपूर्ण वैश्विक अनुष्ठान बन गया है। इस दिन को मनाने से, दुनिया भर में लोग एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने, आंतरिक सद्भाव विकसित करने और अपने और अपने आसपास की दुनिया के साथ जुड़ाव की भावना को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित होते हैं।  अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का उत्सव इस प्राचीन प्रथा के कालातीत ज्ञान और सार्वभौमिक अपील की याद दिलाता है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध 400 शब्द में यहां दिया गया है:

शीर्षक: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: सद्भाव और कल्याण को बढ़ाना

प्रस्तावना :

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, 21 जून को वार्षिक रूप से मनाया जाता है, योग की प्राचीन प्रथा और शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव का जश्न मनाता है।  इस वैश्विक आयोजन का उद्देश्य योग के समग्र लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और स्वस्थ और अधिक संतुलित जीवन के लिए सभी उम्र और पृष्ठभूमि के लोगों को इसके अभ्यास को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

योग की उत्पत्ति : 

योग, प्राचीन भारत से उत्पन्न, एक अनुशासन है जो शारीरिक आसन (आसन), श्वास तकनीक (प्राणायाम), ध्यान और नैतिक सिद्धांतों को एकीकृत करता है।  यह मन, शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य बनाकर कल्याण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए 21 जून का चुनाव महत्व रखता है क्योंकि यह उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन ग्रीष्म संक्रांति के साथ मेल खाता है।  प्रतीकवाद सूर्य और योग के बीच अविभाज्य संबंध को पहचानने में निहित है।  जिस तरह सूर्य पृथ्वी पर प्रकाश, गर्मी और जीवन लाता है, उसी तरह योग अभ्यास करने वालों के लिए रोशनी, उपचार और जीवन शक्ति लाता है।

संयुक्त राष्ट्र ने व्यक्तियों और समाजों पर योग की सार्वभौमिक अपील और सकारात्मक प्रभाव को स्वीकार किया।  दिसंबर 2014 में, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के एक प्रस्ताव के बाद, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया।  तब से, इस दिन को विश्व स्तर पर उत्साह के साथ, एकता को बढ़ावा देने और भलाई को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस योग के कई गुना लाभों को उजागर करने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है।  शारीरिक रूप से, योग लचीलेपन, शक्ति और संतुलन में सुधार करता है।  यह मुद्रा को बढ़ाता है, मांसपेशियों को टोन करता है और समग्र शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देता है।  मानसिक रूप से, योग जागरूकता पैदा करता है, तनाव कम करता है, और मानसिक स्पष्टता और फोकस बढ़ाता है।  भावनात्मक रूप से, यह विश्राम को बढ़ावा देता है, चिंता कम करता है और भावनात्मक संतुलन को बढ़ावा देता है।  आध्यात्मिक रूप से, योग आत्म-जागरूकता को गहरा करता है, आंतरिक शांति को बढ़ावा देता है, और स्वयं और दूसरों से जुड़ाव की भावना का पोषण करता है।

योग दिवस पर किए जाने वाले कार्य

इस दिन, योग के प्रति उत्साही, आयुर्वेदिक चिकित्सक और विशेषज्ञ दुनिया भर में विभिन्न  और गतिविधियों का आयोजन करते हैं।  बड़े पैमाने पर योग सत्र, कार्यशालाएं, सेमिनार और प्रदर्शन पार्कों, स्टेडियमों और सामुदायिक केंद्रों में आयोजित किए जाते हैं, जो योग के साझा उत्सव में लोगों को एक साथ लाते हैं।  ये आयोजन व्यक्तियों को उनकी उम्र, पृष्ठभूमि या फिटनेस स्तर की परवाह किए बिना योग की परिवर्तनकारी शक्ति का अनुभव करने का अवसर प्रदान करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की समावेशी प्रकृति सांस्कृतिक और धार्मिक सीमाओं को पार करती है।  यह समग्र कल्याण के सामान्य लक्ष्य के तहत विविध पृष्ठभूमि के लोगों को एकजुट करता है।  यह दिन एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि योग का अभ्यास सभी के लिए सुलभ है और इसे व्यक्तिगत जरूरतों और प्राथमिकताओं के अनुरूप बनाया जा सकता है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस एक वार्षिक वैश्विक उत्सव है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए योग के अभ्यास को बढ़ावा देता है।  यह योग की सार्वभौमिक अपील और परिवर्तनकारी क्षमता को प्रदर्शित करता है, जो दुनिया भर के लोगों को इस प्राचीन अनुशासन को अपने जीवन में शामिल करने के लिए प्रेरित करता है।  योग को अपनाने से हम अपने भीतर सद्भाव का पोषण करते हैं और एक अधिक शांतिपूर्ण और संतुलित दुनिया में योगदान करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध 500 शब्द में नीचे दिया है:

शीर्षक: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: पोषण एकता और भलाई

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, 21 जून को प्रतिवर्ष मनाया जाता है, योग की प्राचीन प्रथा और व्यक्तियों के समग्र कल्याण पर इसके गहरे प्रभाव का सम्मान करता है।  इस वैश्विक अनुष्ठान का उद्देश्य योग के समग्र लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और स्वस्थ और सामंजस्यपूर्ण जीवन के लिए इसके अभ्यास को अपनाने के लिए विविध पृष्ठभूमि के लोगों को प्रेरित करना है।

योग के लाभ:  

योग, प्राचीन भारतीय दर्शन में निहित है, जिसमें शारीरिक आसन (आसन), श्वास अभ्यास (प्राणायाम), ध्यान और नैतिक सिद्धांत शामिल हैं।  यह आत्म-विकास के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है, मन, शरीर और आत्मा के एकीकरण को बढ़ावा देता है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए 21 जून का चयन महत्व रखता है क्योंकि यह उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबे दिन ग्रीष्म संक्रांति के साथ मेल खाता है।  यह तिथि अंधकार से प्रकाश की ओर संक्रमण का प्रतिनिधित्व करती है, जो व्यक्तियों और समुदायों में स्पष्टता, ज्ञान और जीवन शक्ति लाने के लिए योग की परिवर्तनकारी शक्ति का प्रतीक है।

संयुक्त राष्ट्र ने मानव स्वास्थ्य और कल्याण पर योग की सार्वभौमिक अपील और सकारात्मक प्रभाव को मान्यता दी।  दिसंबर 2014 में, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के एक प्रस्ताव के बाद, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया।  इस वैश्विक स्वीकृति ने तब से दुनिया भर में योग से संबंधित गतिविधियों में व्यापक भागीदारी और जुड़ाव को बढ़ावा दिया है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस योग के कई लाभों को उजागर करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।  शारीरिक रूप से, नियमित अभ्यास से लचीलापन, शक्ति और संतुलन बढ़ता है।  यह बेहतर आसन को बढ़ावा देता है, हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है और समग्र फिटनेस को बढ़ाता है।  मानसिक रूप से, योग जागरूकता पैदा करता है, तनाव कम करता है, और ध्यान और मानसिक स्पष्टता को बढ़ाता है।  भावनात्मक रूप से, यह भावनात्मक संतुलन को बढ़ावा देता है, चिंता और अवसाद को प्रबंधित करने में मदद करता है और भलाई की भावना का पोषण करता है।  आध्यात्मिक रूप से, योग आत्म-जागरूकता को गहरा करता है, आंतरिक शांति को प्रोत्साहित करता है और स्वयं और दुनिया के बीच संबंध को मजबूत करता है।

योग दिवस के दिन के कार्य:

इस दिन, योग के प्रति उत्साही, अभ्यासी और संगठन दुनिया भर में कई तरह के कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन करते हैं।  सामूहिक योग सत्र, कार्यशालाएं, सेमिनार और व्याख्यान सार्वजनिक पार्कों, स्टेडियमों, सामुदायिक केंद्रों और योग स्टूडियो में होते हैं।  इन समारोहों का उद्देश्य समावेशिता को बढ़ावा देना है, जिससे सभी उम्र, पृष्ठभूमि और फिटनेस स्तर के व्यक्ति योग की परिवर्तनकारी शक्ति का अनुभव कर सकें।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का उत्सव एकता और सद्भाव को बढ़ावा देते हुए सांस्कृतिक और धार्मिक सीमाओं को पार करता है।  यह एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि योग सभी के लिए एक अभ्यास है, भले ही व्यक्तिगत विश्वास या जुड़ाव कुछ भी हो।  योग को अपनाने से, व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत भलाई में योगदान करते हैं और एकता और अंतर्संबंध की सामूहिक भावना को बढ़ावा देते हैं।

इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस सरकारों, शैक्षणिक संस्थानों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को अपने कार्यक्रमों और नीतियों में योग को एकीकृत करने के लिए प्रोत्साहित करता है।  योग के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभों को पहचान कर, समाज स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा दे सकते हैं, तनाव प्रबंधन में सुधार कर सकते हैं और समग्र कल्याण में वृद्धि कर सकते हैं।

21 जून को मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, योग के अभ्यास और व्यक्तिगत कल्याण पर इसके गहरे प्रभाव का जश्न मनाता है।  यह वैश्विक आयोजन एकता, समावेशिता और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों को अपने शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण के साधन के रूप में योग को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध 600 शब्दों में नीचे दिया गया है:

शीर्षक: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: आलिंगन कल्याण और एकता

प्रस्तावना: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, 21 जून को प्रतिवर्ष मनाया जाता है, योग की प्राचीन प्रथा और दुनिया भर में व्यक्तियों की भलाई पर इसके गहरे प्रभाव को याद करता है।  यह वैश्विक पर्यवेक्षण योग के समग्र लाभों को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, विविध पृष्ठभूमि के लोगों को एक स्वस्थ, संतुलित और सामंजस्यपूर्ण जीवन के लिए इसके अभ्यास को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

योग क्यों आवश्यक है?

योग, प्राचीन भारतीय दर्शन में निहित है, एक समग्र अनुशासन है जिसमें शारीरिक आसन (आसन), श्वास तकनीक (प्राणायाम), ध्यान और नैतिक सिद्धांत शामिल हैं।  यह व्यक्तिगत विकास के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है, मन, शरीर और आत्मा के एकीकरण का पोषण करता है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में 21 जून का चयन महत्व रखता है क्योंकि यह उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन ग्रीष्म संक्रांति के साथ मेल खाता है।  यह तिथि अंधकार से प्रकाश की ओर संक्रमण का प्रतिनिधित्व करती है, जो व्यक्तियों और समुदायों में स्पष्टता, ज्ञान और जीवन शक्ति लाने के लिए योग की परिवर्तनकारी शक्ति का प्रतीक है।

संयुक्त राष्ट्र ने मानव स्वास्थ्य और कल्याण पर योग की सार्वभौमिक अपील और सकारात्मक प्रभाव को स्वीकार किया।  दिसंबर 2014 में, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के एक प्रस्ताव के बाद, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया।  इस वैश्विक मान्यता के बाद से दुनिया भर में योग से संबंधित गतिविधियों में जागरूकता और जुड़ाव बढ़ा है।

योग से फायदे:

इस दिन, योग के प्रति उत्साही, चिकित्सक और संगठन दुनिया भर में कार्यक्रमों और गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला आयोजित करने के लिए एक साथ आते हैं।  सामूहिक योग सत्र, कार्यशालाएं, सेमिनार और व्याख्यान सार्वजनिक पार्कों, स्टेडियमों, सामुदायिक केंद्रों और योग स्टूडियो में होते हैं।  ये सभाएँ समावेशिता को बढ़ावा देती हैं, जिससे सभी उम्र, पृष्ठभूमि और फिटनेस स्तर के व्यक्ति योग की परिवर्तनकारी शक्ति का अनुभव कर सकते हैं।

अलग अलग संस्थाओं द्वारा योग का स्वागत:

इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस सरकारों, शैक्षणिक संस्थानों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को अपने कार्यक्रमों और नीतियों में योग को एकीकृत करने के लिए प्रोत्साहित करता है। योग के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभों को पहचान कर, समाज स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा दे सकते हैं, तनाव प्रबंधन में सुधार कर सकते हैं और समग्र कल्याण में वृद्धि कर सकते हैं।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभों के अलावा सतत विकास में योग की भूमिका पर भी जोर देता है।  योग का अभ्यास व्यक्तियों को स्वयं के प्रति, दूसरों के प्रति और पर्यावरण के प्रति अधिक विचारशील और करुणामय दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।  यह सभी जीवित प्राणियों की परस्पर संबद्धता पर प्रकाश डालता है और हमारे ग्रह के संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देता है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस उल्लेखनीय वैश्विक भागीदारी और जुड़ाव का साक्षी रहा है।  यह व्यक्तियों, समुदायों और संगठनों के लिए एक साथ आने और एकता का जश्न मनाने के लिए एक उत्प्रेरक बन गया है जो योग लाता है।  साझा अभ्यास और सामूहिक जागरूकता के माध्यम से, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस सभी के लिए शांति, सद्भाव और कल्याण के आदर्शों को बढ़ावा देता है।

21 जून को मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, योग के अभ्यास और व्यक्तिगत और सामूहिक कल्याण पर इसके गहरे प्रभाव का जश्न मनाता है।  यह वैश्विक आयोजन योग के समग्र लाभों की याद दिलाता है, विविध पृष्ठभूमि के लोगों को इसके अभ्यास को अपनाने और अपने जीवन में एकता, संतुलन और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करता है।

यहाँ योग पर 10 लाइन दी जा रही हैं:

  • योग प्राचीन भारत की स्वास्थ्य पद्धति है।
  • योग भारत के ऋषि मुनियों के द्वारा दिया गया अनमोल उपहार है।
  • योग शरीर के साथ साथ मन को भी स्वस्थ करता है।
  • योग छात्रों के लिए बहुत ही लाभकारी है।
  • योग का जन्मदाता ऋषि पतंजलि को माना जाता है।
  • योग और ध्यान करने से एकाग्रता बढ़ती है।
  • योग जीवन को अनुशासित और संतुलित बनाता है।
  • योग प्रत्येक उम्र के व्यक्ति के लिए लाभदायक होता है।
  • योग से तन लचीला बनता है।
  • हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है।

सम्बंधित आर्टिकल्स 

स्वास्थ्य और फिटनेस के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए दुनिया भर में 21 जून 2023 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा।  इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2023 की थीम वधैव कुटुम्बकम है।

पतंजलि को आधुनिक योग का जनक कहा जाता है।  भारत के कुछ हिस्सों में, तिरुमलाई कृष्णमाचार्य को आधुनिक योग का जनक भी माना जाता है।

YOGA का पूर्ण रूप “Y हमारे उद्देश्य दिशानिर्देश और आकलन” है।  योग धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं की एक शाखा है, जो हिंदू धर्म की प्राचीन भारतीय प्रथा से ली गई है।

उम्मीद है आपको अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध के बारे में यह ब्लॉग पसंद आया होगा। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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योग दिवस पर निबंध

Essay on International Yoga Day in Hindi:  हर व्यक्ति के जीवन में स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन होता है, जिसे हमेशा संजोकर रखना बहुत जरूरी है। स्वस्थ शरीर से ही व्यक्ति को हर कार्य करने में मन लगता है। योगा एक ऐसी कला है, जिससे व्यक्ति अपने आपको स्वस्थ रख सकता है। यहां तक कि योगा से व्यक्ति कई प्रकार के शारीरिक बीमारियों से उभर सकता है।

योग कला हमारे प्राचीन संस्कृति की देन है, हमारे पूर्वज योगा किया करते थे। यही कारण है कि वे स्वस्थ रहा करते थे। भारत के प्रधानमंत्री ने योगा के महत्व को समझा और पूरे विश्व को इसका लाभ लेने का सुझाव दिया। उन्ही के प्रयासों से हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस के रूप में मनाना शुरू किया गया।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का सुझाव दिया, जिसके कारण आज प्रत्येक 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर साल 21 जून को देश दुनिया के लोग बहुत ही उत्साह के साथ योगा कार्यक्रम में भाग लेते हैं और इस दिन को धूमधाम से मनाते हैं।

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हम यहां पर योग दिवस पर निबंध हिंदी में शेयर कर रहे है। इस निबंध में योग दिवस के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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योग दिवस पर निबंध 250 शब्द (yoga day essay in hindi).

योग भारत की एक प्राचीन संस्कृति है। योग मन, शरीर और आत्मा का मिलन करवाता है। मन की शांति के लिए योग ही केवल एक जरिया है। योग हमारी भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। शरीर और मन के लिए योग के फायदे अनगिनत है। दुनिया को हमारी प्राचीन कला और उनके फायदों के बारे में अवगत करवाने के लिए भारत के नेतृत्व में पूरे विश्व में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।

साल 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान श्री नरेन्द्र मोदी ने वहां बैठे हर देश के प्रतिनिधि को योग का महत्त्व और बताया और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा। उनके इस प्रस्ताव पर अमेरिका, कनाडा, चीन सहित लगभग 193 देशों के सदस्यों ने सकारात्मक महोर लगा दी।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए 21 जून को ही पसंद किया गया। क्योंकि यह दिन साल का सबसे लम्बा दिन है और ज्योतिष विज्ञान के अनुसार आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करने का यह उचित समय है।

पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस राजपथ दिल्ली में श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विश्व की कई मशहूर हस्तियों और 35,985 लोगों के साथ मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत सहित पुरे विश्व में हर साल एक नए थीम पर बड़े धामधूम से मनाया जाता है। विभिन्न जगहों पर योग शिविर, सेमिनार और योग प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते है। लोगों को जीवन में योग का महत्व समझाया जाता है।

योग शरीर और मन को स्वस्थ रखता है। शरीर में आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर देता है। योग के कारण रोग शरीर में घुस नहीं सकते। हमें योग के महत्व को समझते हुए हमारे जीवन में हर दिन योग दिन बनाना चाहिए।

essay on yoga day in hindi

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध 800 शब्द (Yoga Diwas Par Nibandh)

योग एक संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब होता है मिलन, संयोग। केवल योग से मन, शरीर और आत्मा का मिलन होता है। योग की जड़े भारतीय संस्कृति के साथ पौराणिक काल से जुड़ी है। माना जाता है कि योग कला को जन्म देने वाले भगवान शिव थे। योग एक प्रकार की ऊर्जा है, जो साधक को पूरी उम्र बीमारियों से बचाती है।

योग के अभ्यास से दिमाग और हृदय स्वस्थ रहता है। मन प्रफुल्लित और तंदरुस्त रहता है। शरीर के लिए योग काफी फायदेमंद होता है। आज योग कला भारत में भी नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रचलित हो चुकी है। आज भारत बना योग का विश्वगुरु बन चूका है।

योग का महत्व

जैसे जीने के लिए हवा जरुरी है, वैसे ही योग हमारे जीवन में काफी जरुरी है। योग आत्मा और शरीर का मिलन करवाता है। योग एवम प्राणायाम  हमारे जीवन पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। योग जीने की एक कला है। आज के इस आधुनिक दौर में लोग काफी तनाव और डिप्रेशन में रहते है।

तनाव को मूल से दूर करने के लिए योग ही एकमात्र इलाज़ है। अगर दिन भर में सिर्फ 15 मिनट भी योग के लिए दिए जाएं तो इससे शरीर और मन को अनगिनत लाभ पहुंचते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत

प्राचीन भारतीय कला को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलवाने के लिए और विश्व को योग का महत्त्व समझाने के लिए श्री नरेंद्र मोदी ने प्रथम पहल की। उन्होंने साल 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान योग पर काफी जोर दिया और योग की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए योग को अंतरराष्ट्रीय का दर्जा देने का प्रस्ताव रखा।

काफी विचार करने के बाद आखिर में अमेरिका, कनाडा, चीन सहित 193 देशों के सदस्यों ने श्री नरेंद्र मोदी के इस प्रस्ताव को सकारात्मक रूप में मंजूरी दे दी। 21 जून 2015 का दिन पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया गया।

21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए चुना गया। क्योंकि यह वर्ष का सबसे लंबा दिन है। उसे उत्तरी गोलार्द्ध में ग्रीष्म संक्रांति कहते है। ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। यह अवधि आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने के लिए सही मानी जाती है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का उत्सव

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत में ही नही बल्कि पुरे विश्व में बड़े उत्साह के साथ धामधूम से मनाया जाता है। यह दिन हर साल एक नए थीम पर मनाया जाता है। विभिन्न जगहों पर कई बड़े और छोटे योग शिविर, सेमिनार और योग प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते है। जिसमें लोगों को योग का महत्व और योग से रोग का इलाज कैसे होता है, उसके बारे में बताया जाता है।

पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत और विश्व में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। राजपथ दिल्ली में एक बड़ी जगह पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व की कई मशहूर हस्तियों और 35,985 लोगों के साथ 35 मिनिट के लिए 21 योग आसन किये। पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस दुनिया के करीब 190 देशों ने मनाया था।

दूसरा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस चंडीगढ़ में और तीसरा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस लखनऊ में आयोजित किया गया। विश्व में हर साल इस दिन के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ने लगी है और ज्यादा से ज्यादा लोग योग के साथ जुड़ते गए है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के सभी वर्ष के थीम

  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2015 – Yoga for Harmony and Peace
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2016 – Connect the Youth
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2017 – Yoga for Health
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 – Yoga for Peace
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2019 – Climate Action
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 – Yoga For Health – Yoga From Home
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2021 – Be with Yoga be at home

योग करने के फायदे

योग एक अद्भुत प्रकार का व्यायाम है, जो शरीर और मन दोनों को नियंत्रण में रखता है। योग का एक अलग ही विज्ञान है। योग से तनाव कम होता है और शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है। योग से सकारात्मकता का भाव प्रवाहित होता हैं, जिस से शरीर रोग का घर नहीं बन सकता। मन शांत और एकाग्र रहता है। योग से मनुष्य में मनोबल बढ़ता हैं और सकारात्मक भाव के कारण मनुष्य का मनोविकास होता है।

योग से हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता और  शरीर में सकारात्मक उर्जा बढ़ती हैं। जीवन के प्रति उत्साह बढ़ता है। हमारा शरीर लचीला बनता हैं। हमें थकावट या किसी भी काम के प्रति उदासी का भाव नहीं रहता।

योग भारतीय संस्कृति की पहचान है। हमारे ऋषि मुनि की तरफ से मिला यह अनमोल खजाना है।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की वजह से आज भारत को विश्व में एक नई पहचान मिली है। यह भारतीयों के लिए गर्व की बात है।

इस कला को दुनिया के मंच पर लाने के लिए और इस आधुनिक युग के लोगों को प्राचीन कला योग के प्रति जागरूक बनाने के लिए हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जो अथाग प्रयास किये है, मैं उसके लिए उनका तहे दिल से शुक्रिया करता हूं। हमें भी योग के महत्व को समझते हुए उन्हें योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना ही चाहिए।

विश्व योग दिवस पर निबंध 1000 शब्दों में (International Yoga Day Essay in Hindi)

योग शरीर, मन और आत्मा को जोड़ता है। योग मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। योग करने से व्यक्ति के तनाव दूर हो जाते हैं। योग शरीर को बीमारियों से मुक्त रखता है। यहां तक कि योग कई प्रकार के बीमारियों का इलाज भी करता है।

प्राचीन भारतीय संस्कृति में योगा एक प्रमुख कला है, जिसकी मदद से हमारे पूर्वज स्वस्थ जीवन जिया करते थे। आज वर्तमान में हर व्यक्ति को योगा का महत्व समझना चाहिए ताकि वह अपने स्वस्थ शरीर के लिए योगा को अपने दिनचर्या में अपनाएं।

कैसे शुरू हुआ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने का विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आया। उन्होंने हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए अनोखे कला को जीवंत रखने के लिए सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस मनाने का सुझाव दिया, जिस पर संयुक्त राष्ट्र सभा के अन्य सदस्यों ने विचार-विमर्श किया और फिर उस दिन से प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई।

इस तरह सबसे पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया। इस शुभ अवसर को श्रेष्ठ बनाने के लिए भारत में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं हिस्सा लिया। साथ ही कई अन्य राजनीतिक नेताओं ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और फिर दिल्ली के राजपथ पर उत्साह के साथ योगा करके इस दिन को मनाया गया।

न केवल भारत में बल्कि विश्व के कई देशों में योगा शिविर आयोजित किए गए, जिसमें विभिन्न देशों के लोगों ने बहुत ही उत्साह के साथ योगा किया और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रुप में मनाया।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को योगा दिवस के रूप में मनाने का सुझाव देकर न केवल विश्व के देशों को उनके स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की सलाह दी बल्कि भारतीय संस्कृति को भी देश विदेश में फैलाया। योगा प्राचीन भारतीय कला से जुड़ा हुआ है और यह भारतीयों के लिए बहुत गर्व की बात है कि यह कला आज देश दुनिया का हर व्यक्ति अपना रहा है। आज इस कला के कारण ही व्यक्ति अपने आप को स्वस्थ रख पाने में सक्षम हैं।

क्यों 21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चुना गया?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चुना इसके पीछे भी तथ्य है। 21 जून का सुझाव प्रधानमंत्री ने कई बिंदुओं को विश्लेषण करने के बाद दिया।

दरअसल 21 जून को उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन होता है, इसके साथ ही यह दक्षिणायन का एक संक्रमण प्रतीक भी है, जिससे माना जाता है कि यह एक ऐसी अवधि होती है, जिसमें आध्यात्मिक प्रथाओं का समर्थन करता है।

इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि संक्रमण काल के दौरान भगवान शिव ने ऋषियों के साथ योग कला के ज्ञान की साझा करके उन्हें प्रबुद्ध किया था। यही कारण है कि नरेंद्र मोदी ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया, जो संयुक्त राष्ट्र सभा से पारित होने के बाद पूरे विश्व में 21 जून को योग दिवस मनाया जाने लगा।

योग की उत्पत्ति कैसे हुई?

योग की उत्पत्ति को लेकर कई विद्वानों के कई मत है हालांकि योग की उत्पत्ति भारत से ही हुई थी। योग प्राचीन काल से ही है। माना जाता है सभी योग गुरुओं के प्रेरणा भगवान शिव ही हैं, इन्हें आदी योगी के रूप में माना जाता है।

योग की उत्पत्ति को लेकर यही माना जाता है कि योग 5000 साल पहले सिंधु सरस्वती सभ्यता में थी। ऋग्वेद में भी योग का उल्लेख किया।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से आज के युवा योग के महत्व को जान चुके हैं। 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का सुझाव देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल विश्व के युवाओं का ध्यान स्वास्थ्य पर केंद्रित किया बल्कि युवाओं को एक स्वस्थ भविष्य भी दिया।

उन्होंने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चिन्हित करने के साथ ही इसे सफल बनाने के लिए कई प्रयास भी किए। प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर दुनिया भर के लोगों ने बड़े पैमाने पर इसे मनाया। देश दुनिया के सभी भाग में जोश और उत्साह के साथ लोगों ने योगा किया। हर व्यक्ति को स्वस्थ जीवन के लिए योगा अवश्य करना चाहिए।

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Rahul Singh Tanwar

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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध

international yoga day essay in hindi

By विकास सिंह

international yoga day essay in hindi

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (international yoga day) प्रत्येक वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी थे जिन्होंने इस दिन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया था। योग का अभ्यास एक तेज दिमाग, एक अच्छा दिल और एक सुकून भरी आत्मा के साथ एक बेहतर इंसान के रूप में विकसित होने का एक तरीका है।

विषय-सूचि

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध, international yoga day essay in hindi, (200 शब्द)

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव सितंबर 2014 में भारतीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखा गया था। यह दुनिया भर के विभिन्न योग चिकित्सकों और आध्यात्मिक नेताओं द्वारा समर्थित था। संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2014 में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया।

प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को दुनिया भर में धूम-धाम से मनाया गया लेकिन राजपथ, दिल्ली में यह स्थल एक तरह का था। इस दिन को मनाने के लिए हजारों लोग इस स्थान पर एकत्रित हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ दुनिया के विभिन्न हिस्सों के कई नामचीन लोगों ने भी इस आयोजन का हिस्सा बने और यहां योग आसनों का अभ्यास किया।

योग क्रेज जारी रहा और दूसरे और तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में भी लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। चंडीगढ़ में दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। तीसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर लखनऊ में एक समान रूप से बड़ा आयोजन किया गया। प्रत्येक वर्ष भारत के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ दुनिया भर में कई आयोजन किए जाते हैं।

कई योग आसन हैं जो विभिन्न स्तरों पर काम करते हैं जो हमें एक शानदार जीवन जीने में मदद करते हैं। हमें इन सभी को आज़माना चाहिए और उन लोगों को चुनना चाहिए जो वास्तव में हमारे लिए हैं। स्वस्थ जीवन शैली विकसित करने के लिए चुने हुए लोगों को नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए। योग को एक दिन समर्पित करने के पीछे का पूरा विचार यह है कि दुनिया को उन अजूबों को पहचानने में मदद मिले जो वह नियमित रूप से कर सकते हैं।

international yoga day essay in hindi

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध, international yoga day essay in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना:.

योग मन, शरीर और आत्मा की एकता को सक्षम बनाता है। योग के विभिन्न रूप हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को विभिन्न तरीकों से लाभान्वित करते हैं। इस अनूठी कला का आनंद लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का उद्देश्य क्या है? (importance of international yoga day)

योग की कला को मनाने के लिए एक विशेष दिन की स्थापना का विचार प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित किया गया था। इस पहल के माध्यम से, भारतीय प्रधानमंत्री अपने पूर्वजों द्वारा हमें दिए गए इस अनूठे उपहार को लाइमलाइट में लाना चाहते थे।

उन्होंने सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने भाषण के दौरान इस सुझाव का प्रस्ताव रखा। अपने संयुक्त राष्ट्र के संबोधन के दौरान उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस दिन को 21 जून को मनाया जाना चाहिए क्योंकि यह वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है।

संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों ने श्री मोदी द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर विचार किया और जल्द ही इसे एक सकारात्मक संकेत दिया। 21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया गया। इस दिन भारत में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। भारतीय प्रधानमंत्री, श्री मोदी और कई अन्य राजनीतिक नेताओं के साथ आम जनता राजपथ पर उत्साह के साथ दिन मनाने के लिए एकत्र हुए।

इस दिन देश के विभिन्न हिस्सों में कई बड़े और छोटे योग शिविर भी आयोजित किए गए। इस आत्मीय कला का अभ्यास करने के लिए लोग बड़ी संख्या में इन शिविरों का हिस्सा बने। सिर्फ भारत में ही नहीं, दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी इस तरह के शिविर आयोजित किए गए और लोगों ने उत्साह से इनमें भाग लिया। तब से, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है।

निष्कर्ष:

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, 21 जून को मनाया जाता है, यह योग की प्राचीन भारतीय कला का एक प्रतीक है। हमारे दैनिक जीवन में योग को शामिल करने से हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकता है। यह हमारे अन्यथा तनावपूर्ण जीवन को एक बड़ी राहत प्रदान करता है।

international yoga day pic

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध, essay on international yoga day in hindi, (400 शब्द)

यह भारतीय प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी हैं, जो अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के विचार के साथ आए थे। इस तरह से वह जीवित रहने के इस समग्र दृष्टिकोण को साझा करना चाहता था जो पूरे व्यापक विश्व के साथ भारत में उत्पन्न हुआ था। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को प्रस्ताव पसंद आया और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी गई। यह पहली बार वर्ष 2015 में मनाया गया था।

योग का इतिहास: :

माना जाता है कि भारतीय पौराणिक काल में योग को इसकी जड़ें मिलीं। कहा जाता है कि यह भगवान शिव थे जिन्होंने इस कला को जन्म दिया था। आदि योगी के रूप में भी जाना जाता है, शिव को दुनिया भर के सभी योग गुरुओं के लिए प्रेरणा माना जाता है।

अधिक सामान्यतः, यह माना जाता है कि यह उत्तर भारत में सिंधु-सरस्वती सभ्यता थी जिसने 5,000 साल पहले इस शानदार कला की शुरुआत की थी। यह ऋग्वेद है जिसके बारे में कहा जाता है कि उसने पहली बार इस शब्द का उल्लेख किया था। हालांकि, योग की पहली व्यवस्थित प्रस्तुति शास्त्रीय काल में पंतजलि द्वारा की गई है।

21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है?

भारतीय प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी, जिन्होंने योग दिवस मनाने का विचार प्रस्तावित किया था, ने सुझाव दिया कि इसे 21 जून को मनाया जाना चाहिए। यह उनके द्वारा सुझाई गई एक यादृच्छिक तारीख नहीं थी। इस तिथि को मनाने के लिए कुछ कारण प्रस्तावित किए गए थे।

21 जून उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और इसे ग्रीष्म संक्रांति कहा जाता है। यह दक्षिणायन के लिए एक संक्रमण का प्रतीक है जो माना जाता है कि यह एक अवधि है जो आध्यात्मिक प्रथाओं का समर्थन करता है। इस प्रकार योग की आध्यात्मिक कला का अभ्यास करने के लिए यह एक अच्छा समय माना जाता है।

इसके अलावा, किंवदंती है कि यह इस संक्रमण काल ​​के दौरान था कि भगवान शिव ने उनके साथ योग की कला के बारे में ज्ञान साझा करके आध्यात्मिक गुरुओं को प्रबुद्ध किया था।

इन सभी बिंदुओं पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा विचार किया गया और 21 जून को अंतत: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी गई।

अच्छी बात यह है कि श्री मोदी और यूएनजीए ने 21 जून को न केवल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चिन्हित किया, बल्कि इस दिन को सफल बनाने के लिए भी प्रयास किए। भारत में पहले योग दिवस को बड़े पैमाने पर मनाया जाता था। दुनिया भर की कई उल्लेखनीय हस्तियों ने इसमें भाग लिया। तब से यह देश में और दुनिया के अन्य हिस्सों में समान उत्साह और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध, essay on international yoga day in hindi (500 शब्द)

पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। इस दिन को मनाने के लिए भारत में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस आयोजन में बड़ी संख्या में लोगों को भाग लेते देखना एक शानदार दृश्य था। भीड़ के बीच अपार खुशी और उत्साह था। उत्साह समय के साथ फीका नहीं रहा। यह केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी विकसित हुआ है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2016:

2015 में पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बाद, 2016 में आयोजित दूसरे कार्यक्रम में भी लोगों को भारी उत्साह के साथ इकट्ठा होते देखा गया। दूसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का मुख्य कार्यक्रम चंडीगढ़ के कैपिटल कॉम्प्लेक्स में आयोजित किया गया था।

प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी ने भीड़ को खुश करने के लिए कार्यक्रम में भाग लिया। योग आसन करने के लिए हजारों लोगों के साथ, श्री मोदी ने इस कार्यक्रम के दौरान योग आसनों का अभ्यास भी किया। उन्होंने इस अवसर पर देश के युवाओं को अपने दैनिक जीवन में योग को अपनाने के माध्यम से एक शानदार जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रेरणादायक भाषण भी दिया।

इसी तरह, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों में कई बड़े और छोटे कार्यक्रम आयोजित किए गए। भारतीय सेना की टुकड़ियों, भारतीय नौसेना और भारतीय तट रक्षक ने भी विभिन्न भागों में मनाए जाने वाले योग दिवस के कार्यक्रमों में भाग लिया। हमारे पड़ोसी देशों और दुनिया भर के अन्य देशों ने भी समान उत्साह के साथ दिन मनाया।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2017:

तीसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस दुनिया भर में और भी अधिक उत्साह के साथ मनाया गया। अधिक से अधिक लोगों को योग के महत्व को समझने और इसे अपने जीवन में शामिल करने के साथ, योग शिविर और उसी में भागीदारी की संख्या वर्ष तक बढ़ रही है।

प्रत्येक वर्ष की तरह, तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भी भारत में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस बार नवाबों के शहर लखनऊ को उसी के लिए चुना गया था। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ दिन मनाने के लिए लखनऊ के लिए उड़ान भरी।

शहर में दिन की शुरुआत में बारिश की बौछारें देखी गईं, लेकिन यह योग दिवस के कार्यक्रम में भाग लेने से लोगों के उत्साह को कम नहीं कर पायी थी। इस विशेष दिवस को मनाने के लिए लखनऊ के रमाभाई अंबेडकर सभा स्टाल में लगभग 51,000 लोग जमा हुए। लोग इस घटना का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित और रोमांचित थे और समर्पण के साथ योग आसनों का प्रदर्शन किया।

भारतीय राष्ट्रपति कई लोगों के साथ दिल्ली के सेंट्रल पार्क में दिन मनाने के लिए एकत्रित हुए। इसके अलावा, इस दिवस को मनाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2018:

पूरे विश्व में चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए कई आयोजन किए जा रहे हैं। भारत में, उत्तराखंड के ऋषिकेश में गंगा नदी के तट पर आयोजित होने वाले सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन के लिए दुनिया भर से बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने की उम्मीद है।

निष्कर्ष

यह आश्चर्यजनक है कि कैसे चिकित्सा, मस्तिष्क और आत्मा का यह पुराना तरीका अभी भी काम करता है। दुनिया भर के योग चिकित्सक लोगों को अपने नियमित जीवन में योग को विकसित करने की वकालत करते हैं। किसी विशेष दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता देने के पीछे का कारण यह भी है कि हम इसे अपने जीवन में महत्व दें।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध, world yoga day essay in hindi (600 शब्द)

वर्ष 2014 में, भारतीय प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया। प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा पसंद किया गया और 21 जून 2015 को पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस चिह्नित किया गया।

श्री मोदी द्वारा रखे गए प्रस्ताव और बाद में यू.एन. द्वारा लिए गए निर्णय को दुनिया भर के आध्यात्मिक नेताओं और योग चिकित्सकों द्वारा सराहना और समर्थन किया गया। भारतीय आध्यात्मिक नेता और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री रविशंकर ने कहा कि योग पहले एक अनाथ की तरह था, लेकिन अब नहीं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनी मान्यता के बाद, इस कला ने वह कद प्राप्त किया है जो वास्तव में इसके योग्य है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास (history of international yoga day)

हालांकि पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता था, लेकिन यह विशेष रूप से भारत के लिए एक विशेष दिन था। ऐसा इसलिए है क्योंकि योग की उत्पत्ति भारत में प्राचीन काल में हुई थी और इस स्तर पर मान्यता प्राप्त होना हमारे लिए गर्व की बात थी। इस प्रकार देश में बड़े पैमाने पर इस दिन को मनाया गया।

इस दिन के सम्मान में राजपथ, दिल्ली में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में श्री मोदी और 84 देशों के उल्लेखनीय लोगों ने भाग लिया। इसके अलावा, इस पहले योग दिवस समारोह के लिए आम जनता बड़ी संख्या में एकत्रित हुई। इस सामूहिक योग सत्र के दौरान 21 योग आसन किए गए।

प्रशिक्षित योग प्रशिक्षकों ने लोगों को इन आसनों को करने के लिए निर्देशित किया और लोगों ने उत्साह से उनका पालन किया। इस घटना ने दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए। सबसे बड़े योग वर्ग के लिए रिकॉर्ड बनाए गए थे जिनमें 35,985 प्रतिभागी शामिल थे और सबसे बड़ी संख्या में भाग लेने वाले राष्ट्र थे। आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (आयुष) मंत्रालय ने आयोजन की व्यवस्था की थी। आयुष मंत्री श्रीपाद येसो नाइक को उसी के लिए पुरस्कार मिला।

देश में विभिन्न स्थानों पर कई योग शिविरों का आयोजन किया गया। लोग विभिन्न योग आसनों का अभ्यास करने के लिए पार्कों, सामुदायिक हॉल और अन्य स्थानों पर इकट्ठा हुए। इन योग सत्रों को सफल बनाने के लिए लोगों को नेतृत्व करने के लिए योग प्रशिक्षकों ने स्वेच्छा से सहयोग किया। आम जनता द्वारा दिखाया गया उत्साह अपार था। सिर्फ महानगरों में रहने वाले लोग ही नहीं, छोटे शहरों और गांवों में रहने वाले लोग भी योग सत्रों में भाग लेते और भाग लेते थे। यह एक महान दृश्य था। 21 जून 2015 को संयोगवश एक रविवार को गिरने के कारण इतनी बड़ी भागीदारी हासिल की जा सकती थी।

उसी दिन एनसीसी कैडेटों ने “एकल वर्दीधारी युवा संगठन द्वारा एक साथ सबसे बड़े योग प्रदर्शन” के लिए लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में प्रवेश किया।

तो, सब में यह एक महान शुरुआत थी। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भाग लेने के लिए लोग न केवल बड़ी संख्या में बाहर आए बल्कि योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए प्रेरित हुए। योग प्रशिक्षण केंद्रों में विभिन्न योग सत्रों के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने योग दिवस के बाद नामांकन किया।

भारत में लोग पहले से ही योग के महत्व के बारे में जानते थे लेकिन योग दिवस की शुरुआत ने इसे और अधिक बल दिया। इसने उन्हें विरासत को रोकने और एक स्वस्थ जीवन शैली की ओर मुड़ने के लिए प्रेरित किया। दूसरी ओर, दुनिया भर के कई लोगों के लिए यह एक नई अवधारणा थी। वे महसूस करते थे कि इस तरह की महान कला को पेश किया गया है। इसलिए, इसने भारत के साथ-साथ विदेशों में भी कई नए योग केंद्रों की स्थापना की।

यह भारतीयों के लिए गर्व की बात है कि मन और शरीर को फिट रखने की हमारी प्राचीन कला को दुनिया भर में स्वीकार और सराहना मिली है। भारत कई ऐसे खजानों का देश है और हमें खुशी है कि दुनिया के साथ उनमें से एक को साझा किया है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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