Listrovert

How to write book review in Hindi with example- पुस्तक समीक्षा कैसे लिखें

Tomy Jackson

अगर आप कोई ऐसी वेबसाइट खोलने की सोच रहे हैं जो किताबों पर आधारित है या किसी भी freelancer वेबसाइट पर book reviewer बनना चाहते हैं तो यह वेबसाइट आपके लिए ही है । आप इस पोस्ट में विस्तारपूर्वक जानेंगे कि how to write book review in Hindi यानि कि हिंदी में पुस्तक समीक्षा कैसे करें ? इस पोस्ट के माध्यम से आप आसानी से किसी भी book का review Hindi में कर सकते हैं ।

प्राचीन समय से ही किताबों की महत्ता विश्व समाज में सर्वोपरि रही है । पहले लोग किताबों के बारे में लोगों से सुन सुन कर , फिर किताब को पढ़ते थे । परन्तु , आज के digital दुनिया में लोग इंटरनेट पर किताबों के reviews खोजते हैं । इसके अलावा कई ऐसे publishers हैं जो अपनी किताब का review कराते हैं ताकि उन्हें सही मूल्यांकन का पता चल सकें । यह freelancing के अंतर्गत आता है ।

ऐसे में अगर आप किसी भी वजह या profession के लिए पुस्तक समीक्षा सीखना चाहते हैं तो how to write book review in Hindi का यह पोस्ट आपके लिए बहुत ही ज्यादा हेल्पफुल रहेगा । इसलिए इसे अंत तक पढ़ें और अगर आपको यह हेल्पफुल लगे तो शेयर जरुर करें । तो चलिए जानते हैं book review format in Hindi –

Book review क्या है ?

Book review in Hindi

Book review एक पुस्तक का विश्लेषण है जिसमें इसके विषय, खूबियां, कमियां और संदर्भ शामिल हैं । इसमें किताब का संक्षिप्त सारांश, लेखक के पृष्ठभूमि की जानकारी, किताब का विषय और कंटेंट का evaluation किया जाता है ।

अपने विद्यार्थी दौर में आपने अपने हिंदी / इंगलिश शिक्षक से बुक रिव्यू करने का होमवर्क अवश्य पाया होगा या पा रहे होंगे । तो ऐसे में आप किताब के बारे में क्या राय रखते हैं या आपको किताब कैसी लगी , यही नहीं लिख सकते । सही मायनों में पुस्तक समीक्षा यह नहीं है । पुस्तक समीक्षा करते वक्त आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए –

  • किताब का short summary ( सारांश )
  • लेखक की पृष्ठभूमि
  • किताब का टॉपिक
  • Content का critical evaluation

अगर आप ऊपर दिए इन 4 बिंदुओं को ध्यान में रखकर book review in Hindi करते हैं तो वह सही मायनों में पुस्तक समीक्षा होगी । आगे आप इस how to write book review in Hindi पोस्ट में उदाहरण के माध्यम से भी जानेंगे कि पुस्तक समीक्षा कैसे करें ?

How to write book review in Hindi

चलिए आपके प्रश्न book review kaise kare का उत्तर देते हैं । इसके पहले आप यह instagram infographic देख सकते हैं जिससे कि आपको इस पोस्ट के बारे में संक्षेप में idea हो जाएगा ।

अगर आप सच में एक expert book reviewer बनना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले ढेर सारी किताबें पढ़ना चाहिए । आप किसी भी भाषा की किताबें पढ़कर काफी कुछ सीख सकते हैं इसलिए सबसे पहले पढ़ें ।

How to write book review in Hindi के लिए यह helpful infographic –

How to write book review in Hindi

1. किताब की short summary लिखें

किसी भी किताब की समीक्षा करते समय , शुरुआत में उसकी short summary अवश्य लिखें । इससे लेखकों को उस किताब के content के बारे में थोड़ा idea हो जाता है कि वे किताब में क्या पढ़ेंगे । परन्तु , ध्यान रखें कि आपको इस summary में अपने reviews चाहे वो positive हों या negative , नहीं लिखना है । इसके साथ ही इस short summary में spoilers लिखने से बचें ।

अगर आप किताब के असली climax और अंत को शुरुआत में ही उजागर कर देंगे , तो readers के गुस्से का सामना आपको करना पड़ सकता है । इसलिए पाठकों के किताब पढ़ने के मज़े को बिल्कुल भी खराब न करें । इसके अलावा एक expert book reviewer की तरह किताब की समीक्षा करें ।

2. किताब के plus points को बताएं

book review in Hindi को लिखने के लिए short summary से शुरुआत करें । इसके बाद आपको बुक के बारे में short introduction देते हुए plus points बताना है । यह हमेशा ध्यान रखें कि समीक्षा के शुरुआत में कभी भी negative points को लिखने से बचें । किताब की अच्छाइयों को बताते हुए आप इन बिंदुओं का उत्तर दे सकते हैं –

  • किताब में आपका सबसे पसंदीदा किरदार कौन था ?
  • क्या किताब के सभी किरदार जीवंत ( real ) लग रहे थे ?
  • क्या कोई पुस्तक पढ़ते समय आगे की कहानी को guess कर सकता है ?
  • क्या आपको कहानी बांधे रखती है ?
  • किताब में कौनसा भाग आपको सबसे अच्छा लगा ?
  • क्या किताब ने आपकी भावनाओं से खेलने की कोशिश की ? जैसे हसना , रोना या दुखी होना इत्यादि ।
  • आपको कौनसा dialogue सबसे रोचक लगा ?

3. किताब के negative points को लिखें

किताब के Good points को लिखने के बाद आपको उन points को लिखना चाहिए , जो आपको किताब के बारे में अच्छा न लगा हो । इसमें आप सभी negative points को लिख सकते हैं । Book review करते समय हमेशा critical रहें और ईमानदारी दिखाएं । आपकी किताब समीक्षा किसी भी पुस्तक के sales को घटा या बढ़ा सकती है इसलिए plz be honest !

Negative points को लिखते समय भी आप निम्न बिंदुओं पर गौर करें –

  • क्या कहानी का main character पाठकों को entertain कर पाएगा या वह अपनी भूमिका सही से निभा पाया ?
  • क्या आपको कहानी का अंत उबाऊपन लगा ? अगर हां तो क्यों ?
  • क्या यह किताब / कहानी अपने main theme या topic से न्याय कर पाई ?

इन बिंदुओं को आप विस्तार से अपने किताब के नकारात्मक समीक्षा वाले भाग में लिख सकते हैं । इस तरह आप आसानी से और बेहतरीन तरीके से किताब के नकारात्मक पक्ष को भी पाठकों के समक्ष रख सकते हैं ।

4. अपने समीक्षा को round up करें

जिस तरह से आपने पूरी कहानी या किताब के कंटेंट को शुरुआत में summarise किया था ठीक उसी तरह आपको अपने book reviews को भी round up करना है । इसमें आप overall experience के बारे में बात करते हुए book recommendation भी कर सकते हैं । उदाहरण के तौर पर – यह किताब किसे पसंद आएगी ? क्या यह teenage बच्चो के पढ़ने लायक है ?

इसकेे अलावा आप ऐसी ही किसी अन्य किताब से compare भी कर सकते हैं । पर ध्यान रखें कि आप जिस भी अन्य किताब से compare करें , कम ही लिखें । ऐसा न लगे कि आप साथ ही किसी अन्य किताब की भी marketing कर रहे हों ।

5. किताब को rate करें

अगर आप जिस भी किताब का book review कर रहे हैं , उसका rating भी कर दें तो यह bonus point साबित होगा और आपके रीडर्स भी यह decide कर सकेंगे कि उन्हें यह पुस्तक पढ़नी है या नहीं । आप चाहें तो किताब के overall experience को 5 या 10 में से star दे सकते हैं ।

इस तरह आप समझ गए होंगे कि पुस्तक समीक्षा कैसे लिखें । पुस्तक समीक्षा को लिखने के लिए यह जरूरी 5 बिंदुओं को ध्यान में अवश्य रखें और बुक रिव्यू लिखना शुरू करें ।

How to write book review in Hindi – Examples

अगर आप How to write book review in Hindi का एक बेहतरीन Example तलाश रहे हैं , तो Femina वेबसाइट पर छपे Animal farm Hindi book review की पुस्तक समीक्षा को पढ़ सकते हैं । इसे पढ़कर आप सही मायने में किसी पुस्तक की समीक्षा कर सकते हैं ।

इसके अलावा भी अगर आप विद्यार्थी हैं तो learncbse पर इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं जिसमें ढेरों पुस्तक समीक्षाएं मौजूद है । इसे आप पढ़कर अपने स्कूली परीक्षाओं में लिख भी सकते हैं ।

पुस्तक समीक्षा के लिए क्या Qualification हैं ?

पुस्तक समीक्षा करने के लिए कोई specific qualification की जरूरत तो नहीं है , फिर भी अगर आप एक expert book reviewer बनना चाहते हैं तो हिंदी / इंगलिश विषय में स्नातक या स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई कर सकते हैं । इससे आपकी हिंदी या अंग्रेजी भाषा पर काफी अच्छी पकड़ हो जाएगी , जो आपको पुस्तक समीक्षा में काफी मदद करेगा ।

इसके अलावा भी आप पुस्तक समीक्षा लिखने से पहले इन बिंदुओं पर ध्यान दें –

  • ज्यादा से ज्यादा किताबों को पढ़ें
  • किताबों का मुफ्त में रिव्यू करना शुरू करें
  • ऊपर बताए गए guidelines को ध्यान में रखकर ही book review करें
  • Book review करते समय ईमानदारी दिखाएं और हमेशा रीडर्स की भलाई के बारे में सोचें
  • अपनी इंटरनेट पर online presence बनाएं और सभी बुक रिव्यूज को अपने ब्लॉग पर रखें
  • किसी खास genre की पुस्तक समीक्षा करने के लिए specialist बनें
  • अपने सबसे बेहतरीन समीक्षाओं को इकट्ठा करें और जरूरत पड़ने पर clients को दिखाएं
  • किसी बेहतरीन book community का हिस्सा जरूर बनें
  • किसी भी बुक लॉन्च के एक महीने पहले से ही उस पुस्तक की समीक्षा की तैयारी करें

अगर आप ऊपर बताए गए सभी बिंदुओं पर ध्यान देकर book review in Hindi करते हैं तो आप आसानी से इस फील्ड में expert बन सकते हैं ।

Book review करने के लिए websites

अगर आप पुस्तक समीक्षा करने के लिए तैयार और eligible हैं तो आप content writing के अंतर्गत नीचे दिए वेबसाइट्स पर आने लिए जॉब ढूंढ सकते हैं ।

  • writer fulbooks
  • Kirkus Media
  • Online Book Club

How to write book review in Hindi – Conclusion

अगर आप किसी भी पुस्तक की समीक्षा लिखना चाहते हैं या कर रहे हैं तो यह पोस्ट आपके लिए काफी लाभदायक साबित होगा । इसे आप पूरा पढ़ें और पोस्ट में लिखें बिंदुओं को पुस्तक समीक्षा करते समय अवश्य ध्यान में रखें । How to write book reviews in Hindi का यह पोस्ट अगर आपको पसंद आया हो तो शेयर अवश्य करें ताकि अन्य लोगों को भी फायदा हो ।

  • Review meaning in Hindi
  • Literature review meaning in Hindi
  • Amish Tripathi Books in Hindi
  • Motivational Books in Hindi
  • Atomic Habits Book Summary in Hindi
  • Best Osho Books in Hindi
  • Human Psychology Books in Hindi

इसके साथ ही आप पोस्ट के बारे में नीचे कॉमेंट कर सकते हैं । हम इस वेबसाइट पर पुस्तक समीक्षा भी करते हैं , तो आपको किस पुस्तक की समीक्षा चाहिए उसे भी कमेंट के जरिए अवश्य बताएं ।

' src=

I have always had a passion for writing and hence I ventured into blogging. In addition to writing, I enjoy reading and watching movies. I am inactive on social media so if you like the content then share it as much as possible .

Related Posts

Escrow account meaning in hindi – एस्क्रो अकाउंट क्या है, personality development course free in hindi – पर्सनैलिटी डेवलपमेंट, iso certificate क्या होता है आईएसओ सर्टिफिकेट के फायदे और उपयोग.

' src=

Women emporment and bharat in hindi review

' src=

We’ll review this one in near future.

' src=

Very nicely written article, lot to learn from this. Good job they are very helpful for hindi review of books.

' src=

very nice content . thank you sir

Thanks Pramod, keep visiting.

Leave A Reply Cancel Reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

short book review in hindi

  • ब्राइडल लुक
  • बाल बढ़ाएं नैचुरली
  • सेलेब स्टाइल
  • ताज़ा ट्रेंड्स
  • आपकी रसोई से
  • घरेलू नुस्ख़े
  • लव ऐंड सेक्स
  • रिश्ते-नाते
  • पैरेंटिंग टिप्स
  • करियर ऐंड मनी
  • चर्चित चेहरे
  • विजुअल स्टोरीज
  • Privacy Policy
  • Terms of Use

सच्चे स्त्री-विमर्श से सजी हैं फ़िलहाल यूॅं ही रहने दो संग्रह की कहानियां

सच्चे स्त्री-विमर्श से सजी हैं फ़िलहाल यूॅं ही रहने दो संग्रह की कहानियां

पुस्तक समीक्षा: ‘नबीला’ और अन्य कहानियां

पुस्तक समीक्षा: ‘नबीला’ और अन्य कहानियां

बच्चों की कल्पना को पर देने का काम करेंगी ये 7 हिंदी पुस्तकें!

बच्चों की कल्पना को पर देने का काम करेंगी ये 7 हिंदी पुस्तकें!

ह्यूमनकाइंड: किताब, जो मानवता पर हमारे विश्वास को और पुख़्ता करती है

ह्यूमनकाइंड: किताब, जो मानवता पर हमारे विश्वास को और पुख़्ता करती है

कुछ लव जैसा: दोस्ती और प्यार की खट्टी-मीठी दास्तान

कुछ लव जैसा: दोस्ती और प्यार की खट्टी-मीठी दास्तान

मेटामॉर्फ़ोसिस: एक कीड़े की कहानी, जो इंसानी स्वभाव को बयां करती है 

मेटामॉर्फ़ोसिस: एक कीड़े की कहानी, जो इंसानी स्वभाव को बयां करती है 

द लास्ट गर्ल: दुखों की गाथा, जो साहस और उम्मीद से भी भरी हुई है 

द लास्ट गर्ल: दुखों की गाथा, जो साहस और उम्मीद से भी भरी हुई है 

अर्बन क्रॉनिकल्स: शहरी कहानियों को रोचक अंदाज़ में प्रस्तुत करने की एक अच्छी कोशिश  

अर्बन क्रॉनिकल्स: शहरी कहानियों को रोचक अंदाज़ में प्रस्तुत करने की एक अच्छी कोशिश  

बंदूक़ द्वीप: अमिताभ घोष का उपन्यास, जो दुनिया को नए नज़रिए से देखने के लिए प्रेरित करता है

बंदूक़ द्वीप: अमिताभ घोष का उपन्यास, जो दुनिया को नए नज़रिए से देखने के लिए प्रेरित करता है

गुलिस्तां: शेख़ सादी की कहानियां जिन्हें पढ़ना यानी जीवन को सही रास्ते पर लाने की कोशिश करना

गुलिस्तां: शेख़ सादी की कहानियां जिन्हें पढ़ना यानी जीवन को सही रास्ते पर लाने की कोशिश करना

एनिमल फ़ार्म: 75 साल पहले लिखी किताब अब भी क्यों प्रासंगिक लगती है?

एनिमल फ़ार्म: 75 साल पहले लिखी किताब अब भी क्यों प्रासंगिक लगती है?

मिट्टी की गुल्लक: इस गुल्लक में हर घर की कहानियां संभालकर रखी हुई हैं  

मिट्टी की गुल्लक: इस गुल्लक में हर घर की कहानियां संभालकर रखी हुई हैं  

लॉकडाउन कहानियां, जो इस मुश्क़िल घड़ी में देती हैं राहत के कुछ पल

लॉकडाउन कहानियां, जो इस मुश्क़िल घड़ी में देती हैं राहत के कुछ पल

5 पिल्स फ़ॉर डिप्रेशन-स्ट्रेस, जिन्हें गटकर आप फ्रेश फ़ील करेंगे

5 पिल्स फ़ॉर डिप्रेशन-स्ट्रेस, जिन्हें गटकर आप फ्रेश फ़ील करेंगे

नेहरू मिथक और सत्य: नेहरू को काले-सफ़ेद घेरों से आज़ाद करती ज़रूरी किताब

नेहरू मिथक और सत्य: नेहरू को काले-सफ़ेद घेरों से आज़ाद करती ज़रूरी किताब

उच्च शिक्षा का अंडरवर्ल्ड: इस अंडरवर्ल्ड में गहराई थोड़ी कम है

उच्च शिक्षा का अंडरवर्ल्ड: इस अंडरवर्ल्ड में गहराई थोड़ी कम है

सफर की निरंतरता का प्रतीक है अधूरापन

सफर की निरंतरता का प्रतीक है अधूरापन

भारत की बहुसांस्कृतिक पहचान को बयां करती है बाक़र गंज के सैयद

भारत की बहुसांस्कृतिक पहचान को बयां करती है बाक़र गंज के सैयद

मनभावन और रोचक कहानियों का संग्रह है ‘तुम सी’

मनभावन और रोचक कहानियों का संग्रह है ‘तुम सी’

हिंदी लेखिकाओं की 10 सदाबहार किताबें

हिंदी लेखिकाओं की 10 सदाबहार किताबें

  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar

Writing Tips Oasis

Writing Tips Oasis - A website dedicated to helping writers to write and publish books.

पुस्तक समीक्षा कैसे लिखें

By Smitha Abraham

उत्कट पाठक सामान्यतः इसमें रुचि लेते हैं कि जो पुस्तकें उन्होंने पढ़ी हैं उनके संबंध में अन्य पाठक क्या राय रखते हैं। ऐसे पाठक उन पुस्तक समीक्षाओं को पढ़ना पसंद करेंगे जो एक निष्पक्ष बोध उपलब्ध करेगी कि यह पुस्तक किस संबंध में है। यह निबंध आपको दर्शाएगा कि पुस्तक समीक्षा कैसे लिखते हैं।

पुस्तक के संबंध में कुछ वाक्य लिखिए

पहला नियम है पुस्तक की कहानी को कभी भी प्रकट नहीं करना। पाठकों की कल्पना के लिए कुछ छोड़ दीजिए। पुस्तक में होने वाली घटनाओं के विस्तृत विवरण से बचना अच्छा है। यदि पुस्तक त्रयी या किसी श्रृंखला का अंश है, तब आप इसका, और यदि आप सोचते हैं कि कि इसका आनंद लेने के लिए श्रृंखला की अन्य पुस्तकों को पढ़ना आवश्यक है, उल्लेख कर सकते हैं।

उस चीज की चर्चा कीजिए जिसने आपको इस पुस्तक में आकर्षित किया था

अपने-आप से पूछिए कि आपको इस पुस्तक में सबसे आकर्षक क्या लगा था। जो आपको आकर्षक लगा था वह पात्र, कथानक चा विषय-वस्तु में से कुछ भी या कोई और चीज हो सकती है। कहानी, और जिस तरह से इसे कहा गया है उस पर अपने अनुभव तथा सोच पर ध्यान केंद्रित कीजिए। आप स्वयं से निम्नलिखित प्रश्न पूछ सकते हैं और तदनुसार अपने उत्तरों पर आधारित एक समीक्षा लिख सकते हैं:

  • आपकी पसंद का पात्र कौन था और क्यों?
  • क्या पात्र आपको वास्तविक लगे थे?
  • क्या कथानक में अनिश्चय/रोमांस या कोई ऐसी चीज थी जिसने आपको आकर्षित किया था?
  • क्या पुस्तक ने आपको हँसाया या रुलाया था?
  • दृश्य कैसे लिखे गए थे? वे किस प्रकार के दृश्य थे? उदाहरण के लिए आनंदपूर्ण दृश्य, रोमांटिक दृश्य, रहस्यात्मक दृश्य, इत्यादि।
  • कथानक ने कैसा आकार लिया था? क्या कथानक ने आपके चित्त को आकर्षित किया था?
  • क्या आपको संवाद पसंद आए थे? क्या कोई ऐसे संवाद थे जिनसे आप प्रेरित हुए थे?
  • पुस्तक में समायोजन कैसा था? क्या यह ऊष्णतापूर्ण रोमांस था, या पागलपन भरे अभियान के लिए कोई विदेशी ठिकाना था? उदाहरण के लिए, कोई पर्वतीय क्षेत्र आसन्न संकट सूचित कर सकता है। वातावरण में व्याप्त गुलाबों की सुगंध रोमांस का सुझाव दे सकती है। किसी अस्पताल का प्रतीक्षा कक्ष विपदा सूचित करता है।
  • किस तरह की शब्दावली का प्रयोग किया गया था? उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश के ग्रामीण व्यक्तियों के द्वारा प्रयोग की गई भाषा इसी राज्य के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों से अलग सुनाई देगी।

पुस्तक के संबंध में किसी ऐसी चीज का उल्लेख कीजिए जो आपको पसंद नहीं आई थी

जहाँ आपको पुस्तक के अधिकांश अंश अच्छे लगे होंगे, कुछ ऐसा भी हो सकता है जो आपको पसंद नहीं आया हो। यह कहानी का अंत, जिस तरह से पात्रों से व्यवहार किया गया था, विषय-वस्तु, संवाद या समायोजन, कुछ भी हो सकता है। इसका वर्णन कीजिए।

अपनी पुस्तक समीक्षा का समापन कीजए

अपनी समीक्षा का सारांश यह उल्लेख करते हुए दीजिए कि किस प्रकार के पाठकों को यह पुस्तक आकर्षित करती है। यह युवा पाठक हो सकते हैं, वयस्क पाठक हो सकते हैं, नाटक, रोमांस, अनिश्चय, रहस्य या किसी अन्य विधा के कट्टर अनुगामी हो सकते हैं। यदि आप इस पुस्तक की आपके द्वारा पढ़ी गई किसी अन्य पुस्तक के साथ तुलना कर सकते हैं, तब उसे भी सम्मिलित कर लीजिए।

पुस्तक का मूल्यांकन कीजिए

पुस्तक का मूल्यंकन उपलब्ध कीजिए, उदाहरण के लिए, पाँच या दस में से स्कोर। यह पाठकों को एक अच्छी अवधारणा देगा कि पुस्तक को पढ़ा जाए या नहीं।

यहाँ पुस्तक समीक्षा की एक रूप रेखा दी गई है। इसे आप अपने विचारों तथा रुचि के अनुसार बना सकते हैं।

  • एक रूपरेखा तैयार कीजिए

अपने नोट्स पढ़िए और अपनी समीक्षा का उद्देश्य लिखने के लिए उनके साथ मिलान कीजिए।

  • प्रारूप लिखिए

अपने नोट्स मथिए और एक परिचय, मध्य तथा निष्कर्ष सम्मिलित कीजिए।

  • प्रारूप का सुधार कीजिए

आपने जो लिखा है उसे फिर से पढ़िए, कछ समय व्यतीत होने दीजिए। तब वापस अपनी समीक्षा पर जा कर स्पष्टता, सामंजस्यता तथा व्याकरण, इत्यादि की जाँच कीजिए। [author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/10/Smitha-Abraham.jpg[/author_image] [author_info]I’m Smitha Abraham. I love traveling in my flights of imagination and use these flights to craft short stories and poetry. I am a budding writer from India. My passions are reading, creative writing, listening to music, learning new languages, meeting new people, getting acquainted with different cultures and traveling. Authors like Isabel Allende, Gabriel Garcia Marquez, Carlos Ruiz Zafón, genres like magic realism, historical romance, and writing styles that are imaginative and flow effortlessly fascinate me. I love to unwind with a book curled up on a sofa or by gazing at the stars by the sea shore. I am a nature lover and spending time admiring the sunset and sunrise is relaxing for me.[/author_info] [/author]

short book review in hindi

निर्मला मुंशी प्रेमचंद उपन्यास समीक्षा | Nirmala Book Review In Hindi

दोस्तों जैसा की आप जानते है मुंशी प्रेमचंद ने अपने जीवन काल में विभिन्न उपन्यास और कहानियो की रचना की है जो भारतीय समाज को सच्चा आइना दिखाती है ! आज भी उनके कहानी और उपन्यास उतने ही लोकप्रिय है जितने उस ज़माने में हुआ करते थे ! दोस्तों आज किस इस पोस्ट में हम मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास ‘निर्मला’ की समीक्षा करेंगे ! तो आइये शुरू करते है Nirmala Book Review In Hindi / Nirmala Munshi Premchand Novel Review In Hindi

Introduction

उपन्यास का नाम – निर्मला / Nirmala

लेखक का नाम – मुंशी प्रेमचंद

विषय – साहित्य

कुल पृष्ठ – 184

Nirmala Book Review In Hindi

‘निर्मला’ मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित एक प्रसिद्द हिंदी उपन्यास है ! जिसका प्रकाशन सन 1927 में हुआ था ! प्रेमचंद जी द्वारा यह उपन्यास दहेज़ प्रथा और अनमेल विवाह को आधार बनाकर लिखा गया है ! इस उपन्यास की मुख्य पात्र ‘निर्मला’ नाम की एक 15 साल की सुन्दर और सुशिल लड़की है ! निर्मला की शादी से पहले ही किसी कारणवश उसके पिता की मृत्यु हो जाती है , जिससे उनके परिवार पर दुखो का पहाड़ टूट पड़ता है !

दहेज देने की क्षमता न होने के कारण निर्मला का विवाह एक अधेड़ पुरुष के साथ कर दिया जाता है जिसके पहले से 3 लड़के थे और उनकी पहली पत्नी की मौत हो चुकी होती है !

निर्मला चरित्र की पवित्र होने के बावजूद भी उसे समाज और अपने पति की गलत नजरो का शिकार होना पड़ता है ! इससे उन्हें समाज में अनादर का सामना करना पड़ता है ! इस प्रकार निर्मला विभिन्न परिस्थितियों को सहती हुई अंत में मृत्यु को प्राप्त होती है !

निर्मला उपन्यास में मुंशी प्रेमचंद ने दहेज़ प्रथा और अनमेल विवाह का मार्मिक चित्रण किया है ! इस उपन्यास में बिना सहमती के विवाह और दहेज़ के कारण होने वाले दुष्प्रभावो का सटीकता से वर्णन किया गया है ! साथ ही एक नारी की सहिष्णुता का भी बखूबी वर्णन किया गया है ! एक नारी ही है जो तमाम बुराइयों और विपरीत परिस्थितियों का बखूबी सामना कर सकती है !

अगर हम आज के भारतीय समाज की बात करे तो कई निर्मला ऐसी मिल जाएगी जिन्हें समाज में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है ! कई महिलाये अनमेल विवाह और दहेज़ के कारण मौत का शिकार हो जाती है !

निर्मला उपन्यास के मुख्य पात्र

निर्मला – मुंशी जी ( तोताराम ) की पत्नी

मंसाराम – मुंशी जी का बड़ा बेटा

जियाराम , सियाराम – मुंशी जी के छोटे बेटे

रुक्मणि – मुंशी जी की विधवा बहन

कृष्णा – निर्मला की बहन

प्रेमचंद जी ने निर्मला उपन्यास की भाषा को काफी सरल और समझने योग्य बनाया है ! इस उपन्यास में निर्मला को मुख्या पात्र बनाया गया है ! यह उपन्यास महिलाओ के संघर्ष और सहिष्णुता को दिखाता है ! कैसे एक महिला चरित्रवान होते हुए भी उसे समाज की गलत निगाहों का सामना करना पड़ता है ! इस उपन्यास में कई किरदारों की मौत हो जाती है ! निर्मला को भी विभिन्न दुखो का सामना करना पड़ता है , इसके बावजूद भी वह हिम्मत नहीं हारती है और परेशानियों का डटकर सामना करती है !

एक दिन ऐसा आता है जब वह हालातो का सामना करते – करते इस दुनियां को सदा के लिए अलविदा कह जाती है ! दोस्तों प्रेमचंद जी का यह उपन्यास एक नारी की सहिष्णुता को दिखाता है ! अगर आप नारी की सहिष्णुता और सहनशीलता को जानना और समझना चाहते है तो निर्मल उपन्यास को एक बार अवश्य पढ़े !

Related Post : 

  • प्रतिज्ञा मुंशी प्रेमचंद उपन्यास समीक्षा   
  • गोदान ( उपन्यास ) की समीक्षा   
  • कर्मभूमि ( उपन्यास ) समीक्षा   
  • गबन उपन्यास का सारांश

निर्मला मुंशी प्रेमचंद उपन्यास समीक्षा | Nirmala Book Review In Hindi

हेल्लो फ्रेंड्स , मेरा नाम जगदीश कुमावत है और मै BooksMirror.Com का फाउंडर हूँ ! यह एक हिंदी बुक्स ब्लॉग है जिसमे हम Motivational और self – help बुक्स की समरी और रिव्यु शेयर करते है !

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

ePustakalay

ePustakalay : Free Library | ई पुस्तकालय : मुफ्त पुस्तकालय

Hindi books, marathi books, sanskrit books, bangla books, सर्वाधिक लोकप्रिय पुस्तकें.

sampoorna-mahabharat-mahagranth-vedvyas-epustakaly

सम्पूर्ण महाभारत हिंदी {महाग्रंथ}

kamasutra-maharishi-vatsyayan-epustakalay

कामसूत्र (भाग 1, 2)

SAMBHOG SE SAMADHI KI ORE by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaभगवान रजनीश -BHAGWAN RAJNEESH

सम्भोग से समाधि की ओर

Sushrita Sanhita by अम्बिका दत्त शास्त्री - Ambika Datt Shastri

सुश्रुत संहिता

Astadasa Granthaha by

अष्टांग संग्रह

Kok Shastar Part-i by अज्ञात - Unknown

कोक शास्त्र भाग - 1

इतिहास संबंधी पुस्तकें.

Rajasthan Ka Itihas Bhag-i by कर्नल टॉड - James Tod

राजस्थान का इतिहास

Prachin Bharat Ka aitihasik Bhoogol by एलेक्जेंडर कनिधम

प्राचीन भारत का ऐतिहासिक भूगोल

Babarnama by मुंशी देवीप्रसाद - Munshi Deviprasad

अलबेरुनी का भारत

Hensang Ki Bharat Yatra by Hensang

ह्वेनसांग की भारत यात्रा

सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यास.

Tyag-patra by जैनेन्द्र कुमार - Jainendra Kumar

त्याग - पत्र

Tark Sangrah by अन्नम भट्ट - Annam Bhaṭṭa

तर्क संग्रह

Vaishali Ki Nagar Vadhu by आचार्य चतुरसेन शास्त्री - Acharya Chatursen Shastri

वैशाली की नगरवधू

Jayasi Vyaktitva Aur Krittatva by रामचंद्र वर्म्मा - Ramchandra Varmaरामलाल वर्म्मा - Ram Lal Varmma

जायसी : व्यक्तित्व और कृतित्व

Pariksha Guru by लाला श्री निवासदास - Lala Shree Niwasdas

परीक्षा गुरु

Sindur Ki Holi by श्री लक्ष्मीनारायण मिश्र -Shri Lakshminarayan Mishr

सिन्दूर की होली

धार्मिक पुस्तकें.

Ramayan  by गोस्वामी तुलसीदास - Goswami Tulsidas

देवी पुराण महाभागवत

Mahabharat 2  by अज्ञात - Unknown

अन्य पुस्तकें

Gorakhnath Aur Unka Yug by रांगेय राघव - Rangeya Raghav

गोरखनाथ और उनका युग

चतुर्वर्ग चिन्तामणि - व्रतखण्डनाम्नो - खण्ड 2 भाग 1 - Chaturvarga - Vratakhandanamno - khand-2 Bhag 1

चतुर्वर्ग चिन्तामणि - व्रतखण्डनाम्नो - खण्ड 2 भाग 1

Gita Prabandh Part-i by श्री अरविन्द - Shri Arvind

गीता प्रबंध प्रथम भाग

Sita  by पण्डित रूपनारायण पाण्डेय - Pandit rupnarayan pandey

संगीत रणदुंदुभि नाटक

Prempatra Radhaswami Phili Jild by राधास्वामी ट्रस्ट - Radhaswami Trust

प्रेमपत्र राधास्वामी जिल्द

Aadarsh Jain by रजन परमार - Rajan Parmarश्री बंशी - Shri Banshi

काऊ बेल्ट की उपकथा

Chidbindu Vidhya Tatha Anya Darshanik Kratiyan by शिवानन्द शर्मा - Shivanand Sharma

चिद्बिन्दु विद्या तथा अन्य दार्शनिक कृतियाँ

Pingal - Prbodha by ज्योति प्रसाद मिश्र - Jyoti Prasad Mishra

पिंगल - प्रबोध

उपनिषद प्रसाद - Upnishad Prasada

उपनिषद प्रसाद

Gramdan Prachar, Prapti Aur Pushti by ग्रामदान-गोष्ठी - Gramdan Goshthi

ग्रामदान प्रचार, प्राप्ति और पुष्टि

Bharat Mein Drishya Sharbya Shiksha  by सुजीत के चक्रवर्ती - Sujit K Chakravarti

भारत मे दृश्य श्रव्य शिक्षा

Nimantran by अज्ञात - Unknown

शब शुन्य नहीं

Bolchaal by अयोध्या सिंह उपाध्याय - Ayodhya Singh Upadhyay

मध्यकालीन भारतीय संस्कृति

Samraat aani Bulbul by पुस्तक समूह - Pustak Samuhसुशील मेंसन - Susheel Mension

सम्राट आणि बुलबुल

Nisheeth Evam Anya Kavitayen by उमाशंकर जोशी - UMASHANKAR JOSHI

निशीथ एवं अन्य कविताएं

Nibandh - Chayanika by रामलाल सावल - Ramlal Saval

निबन्ध - चयनिका

Puran-tatv-prakash Volume-i by चिम्मनलाल वैश्य - Chimmanlal Vaishya

पुराण-तत्व-प्रकाश भाग - 1

खादिरगृह्यसूत्रं - Khaadiragrihyasutrama

खादिरगृह्यसूत्रं

सप्रकाशा अधिकरणरत्नमाला - Sri Sariraka Adhikarana Ratnamala With Prakasa

सप्रकाशा अधिकरणरत्नमाला

21 Vi Sadi Ki Aur Vigyan Ke Badhate Charan by हरीश गोयल - Harish Goyal

21 वीं सदी की ओर विज्ञान के बढ़ते चरण

Bapu Ke Charano Me by ब्रजकृष्ण चांदीवाला - BrajKrishan Chandiwala

बापू के चरणों में

ऋक्संहिता - खण्ड 6 - Riksamhita - Vol. 6

ऋक्संहिता - खण्ड 6

Bhagwati Katha  by श्री प्रभुदत्त ब्रह्मचारी - Shri Prabhudutt Brahmachari

हिन्दी विश्वकोश खंड - 2

Sanyam Prakash by श्री दिगम्बर जैन - Shri Digambar Jain

संयम प्रकाश

Mahabandho by फूलचंद्र सिध्दान्तशास्त्री - Fulchandra Sidhdant Shastri

भाट्टदीपिका

जैमिनीय न्याय मालावि - Jaimineeya Nyaya Malavi

जैमिनीय न्याय मालावि

कार्यरत आधुनिक वैज्ञानिक - Karyarat Aadhunik Vaigyanik

कार्यरत आधुनिक वैज्ञानिक

आख्यानकमणिकोश - Aakhyanakamanikosha

आख्यानकमणिकोश

Sampurn Gandhi Vadmay Bhag - 8 by गाँधीजी - Gandhiji

सम्पूर्ण गांधी वाड्मय भाग - 8

Saam Bhashya Bhoomika  by जवलप्रसाद शर्मा - Jawalprasad Sharma

साम भाष्य भूमिका

Sadharm Mandanam by अज्ञात - Unknown

सधर्ममण्डनम

Samay Saar  by श्री कुन्दकुन्दाचार्य - Shri Kundakundachary

कर्मा ग्रन्थ भाग 1

Pranayama  by श्रीमत कुवालायानान्दा - Srimat Kuvalayananda

श्री सुमति विलास ग्रंथ

Patanjal Yogapradeep by श्रीस्वामी ओमानन्द तीर्थ - Shreeram Omanand Tirth

पातन्जल योगप्रदीप

Bharat Men Pradeshikavad Ek Rajanitik Bhaugolik Adhyayan  by आलोक मिश्र - Aalok Mishr

भारत में प्रादेशिकवाद एक राजनीतिक भौगोलिक अध्ययन

Buniyadi Sixa by गाँधीजी - Gandhiji

बुनियादी शिक्षा

Brahman Masik Patr [Bhag 7] by अज्ञात - Unknown

ब्राह्मण मासिक पत्र [भाग 7]

Pravachan Pathey  by आचार्य तुलसी - Acharya Tulsi

प्रवचन पाथेय

Vindhyatavi Ke Anchal Men by प्रयागदत्त शुक्ल - Pryagdatt Shukla

विंध्याटवी के अंचल में

हिंदी साहित्य चैनल logo img

Godan Book Review in Hindi

आज की पोस्ट में हम गोदान उपन्यास के सारांश को पढ़ेंगे और गोदान उपन्यास की समीक्षा व प्रश्नोत्तर (godan book review in hindi )तैयार करेंगे 

गोदान उपन्यास सारांश – Godan Summary in Hindi

Table of Contents

अवध प्रांत में पांच मील के फासले पर दो गाँव हैं: सेमरी और बेलारी । होरी बेलारी में रहता है और राय साहब अमर पाल सिंह सेमरी में रहते हैं। खन्ना, मालती और डाॅ.मेहता लखनऊ में रहते हैं। गोदान का आरंभ ग्रामीण परिवेश से होता है। धनिया के मना करने पर भी होरी रायसाहब से मिलने बेलारी से सेमरी जाता है। उसे लगता है कि रायसाहब से मिलते रहने से कुछ सामाजिक मर्यादा बढ़ जाती है। वह कहता है, ’’यह इसी मिलते-जुलते रहने का परसाद है कि अब तब जान जान बची हुई है।’’ वह समझता है कि इनके पाँवों तले अपनी गर्दन दबी हुई है। इसलिए उन पाँवों के सहलाने में ही कुशल है।

रास्ते में उसे पङोस के गाँव का ग्वाला भोला मिलता है। उसकी गायों को देखकर होरी के मन में एक गाय रखने की लालसा उत्पन्न होती है। वह विधुर भोला के मन में फिर से सगाई करा देने का लालच देता है। भोला उसे अस्सी रुपये की गाय उधार पर ले जाने का आग्रह करता है और अपने पास भूसे की कमी बात करता है। होरी अभाव में पङे आदमी से गाय ले लेने को उचित न मानकर फिर ले लूंगा। कहकर गाय लेने से मना कर देता है, पर भूसा देने का वायदा कर सेमरी में पहुँचता है।

short book review in hindi

रायसाहब अपनी असुविधाओं को बता कर चाहते हैं कि टैक्स की वसूली में होरी उनकी सहायता करे। होरी उनकी बातों आ जाता है। इस समय एक आदमी आकर राय साहब को बताता है कि मजदूर बेगार करने से मना कर रहे है। यह सुनकर राय साहब आग बबूला हो जाते हैं और उन्हें हंटर से ठीक करने की कह उठकर चले जाते हैं।

घर पर पहुँचर होरी राय साहब भी तारीफ करता है बेटा गोबर उन्हें ’रंगा सियार’ कहकर उनसे अपनी नफरत जाहिर करता है। होरी बताता है कि उसने भोला को भूसा देने का वचन दिया है। यह सुनकर गोबर और धनिया उस पर बिगङते है। होरी जब बताता है कि भेाला धनिया की प्रशंसा कर रहा था, तब धनिया कुछ नरम पङ जाती है। भोला भूसा लेने आता है। धनिया तीन खोंचे भूसा भरवाकर पति और बेटे को उसके घर तक भूसा पहुँचाने को कहती है। भोला के घर पर उसकी विधवा बेटी झुनिया है। उससे गोबर की मुलाकात होती है। दोनों परस्पर के प्रति आकर्षित हो जाते हैं। भोला होरी से दूसरे दिन गाय ले लेने को कहता है।

दूसरे दिन गोबर भोला के घर से गाय लाता है। झुनिया उसे छोङने बेलारी के निकट तक आती है। फिर मिलने का वायदा करके लौट जाती है।

गाय के आते ही होरी के घर में आनन्द की लहर उमङती है। गाय का भव्य स्वागत किया जाता है। गाय के लिए आँगन में नाँद गाङी जाती है। गाँववाले आकर गाय के लक्षण भी और होरी की खुशकिस्मती की तारीफ करते है। केवल अलग्योझा हो गए उसके दो भाई हीरा और शोभा नहीं आते। हीरा होरी की निंदा कर रहा था। होरी धनिया को यह बताता है। धनिया यह सुनकर उससे झगङती है।

सेमरी में राय साहब के घर पर उत्सव है। उसमें धनुषयज्ञ नाटक में होरी जनक के माली का अभिनय करता है। उत्सव के लिए होरी को पांच रुपये नजराना देना है। राय साबह के मेहमानों में गाँव और शहर के लोग हैं। शहर के मेहमान हैं – बिजली पत्र के संपादक पं. ओंकारनाथ, वकील तथा दलाल मि. तंखा, दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर डाॅ. मेहता, मिल मालिक मि. खन्ना, उनकी धर्मपत्नी कामिनी (गोविन्दी), डाॅक्टर मिस मालती और मिर्जा खुशींद। वहाँ बातचीत में रायसाहब जमींदारी प्रथा के शोषण की निंदा करते हैं।

डाॅ. मेहता और रायसाहब की कथनी और करनी के अंतर में प्रति व्यंग्य करते हैं। भोजन के समय मालती मांस-मदिरा का स्थान छोङकर ओंकारनाथ को भुलावे में डालकर शराब पिलवा देती है और वायदे के मुताबिक एक हजार रुपये इनाम लेती है। उसी समय पठान के वेश में डाॅ. मेहता आकर रुपये मांगते हैं और धमकी देते हैं कि रुपए न मिले तो वे गोली चला देंगे। अंत में होरी वहाँ प्रवेश करके पठान को गिराकर उसकी मूँछें उखाङ लेता है। पठान के वेश में आए मेहता की नाटकबाजी वहीं खत्म हो जाती है।

उसी समय सब शिकार खेलने जाने का कार्यक्रम बनाते हैं। तीन टोलियाँ बनती हैं। पहली टोली में मेहता और मालती जाते हैं। मालती मेहता के प्रति आकर्षित है, पर मेहता को इस ओर कोई आकर्षण नहीं है। मेहता को शिकार की चिङिया पानी से लाकर एक जंगली लङकी देती है और दोनों को अपने घर तक ले जाकर मधुर व्यवहार से खुश कर देती है।

इससे मालती ईर्ष्या करती है तो वह मेहता की नजर में गिर जाती है। दूसरी टोली के रायसाहब और खन्ना के बीच मिल के शेयर के बारे में बातचीत होती है। रायसाहब शेयर खरीदने की बात टाल देते हैं। तीसरी टोली में तंखा और मिर्जा हैं। मिर्जा एक हिरन का शिकार करते हैं। हिरन को एक ग्रामीण युवक को देते हैं। सब मिलकर उस युवक के गाँव में जाते हैं। खा-पीकर खुशी से सारा दिन वहाँ बताकर शाम को लौट आते हैं।

Godan premchand

होरी के घर पर गाय आ जाने से सब खुश थे। इतने में रायसाहब को कारिंदा कहता है कि नोखेराम बाकी लगान न चुकाने वाले खेत में हल नहीं जोत सकेंगे। होरी पैसे का इंतजाम करने के लिए साहूकार झींगुरीसिंह के पास पहुँचता है। झींगुरी सिंह की आँख गाय पर थी। उसने गाय ले लेने का चक्कर चलाया और कर्ज न लेकर लाचार होकर गाय बेचकर लगान चुकाने के लिए वह राजी हो जाता है और धनिया को भी राजी कर लेता है। रात को घर के भीतर उमस होने के कारण वह गाय को बाहर लाकर बांधता है और बीमार शोभा को देखकर लौटते समय गाय के पास हीरा को देखकर ठिठक जाता है।

उसी रात को विष दिए जाने से गाय मर जाती है तो होरी धनिया को हीरा पर शक होेने की बात बता देता है तो धनिया हीरा को गालियाँ देती है और सारे गाँव में कोहरराम मचा देती है। होरी भाई को बचाने के लिए सच को छिपाकर गोबर की झूठी कसम खा लेता है। जाँच पङताल करने दारोगा गाँव में आता है। गाँव के मुखिया लोग इस विपत्ति का फायदा उठाने के लिए हीरा पर जुर्माना लगाते हैं।

कुर्की से बचने तथा परिवार की इज्जत बचाने होरी झिंगुरी सिंह से कर्ज लेकर रिश्वत के पैसे लाता है, पर धनिया के कारण वह दारोगा को मिल नहीं पाता। दारोगा मुखिया लोगों के घर की तलाशी लेने की धमकी देकर उनसे भी रिश्वत के पैसे वसूल करके चला जाता है।

गोहत्या करके पाप के डर से हीरा घर से भाग जाता है। होरी हीरा की पत्नी पुनिया को खेत संभालता है। बीच में एक महीने तक बीमार भी पङ जाता है। एक रात होरी कङकती सर्दी में खेत की रखवाली कर रहा था कि धनिया वहाँ पहुँच जाती है और बताती है कि पांच महीने का गर्भ लेकर झुनिया घर में आ गई है। होरी पहले उसे निकाल देने की बात तो करता है, बाद में धनिया के समझाने पर उसे अपने घर में रहने का आश्वासन देता है।

Godan novel

अब फिर से पंचायत को होरी का गला दबाने का मौका मिल जाता है। झुनिया के एक लङका होता है। बिरादरी में ऐसे पाप के लिए गाँव की पंचायत होरी पर सौ रुपए नकद और तीस मन अनाज का डाँड लगाती है। धनिया पंचायत पर बहुत फुफकारती है। पर होरी झिंगुरी सिंह के पास मकान रेहन पर रखकर अस्सी रुपये लाता है और डाँड चुकाता है।

गोबर-झुनिया को चुपके से अपने घर में छोङकर लोकलज्जा के भय से लखनऊ शहर भाग जाता है। वह मिर्जा खुर्शीद के यहाँ महीन के पंद्रह रुपये वेतन पर नौकरी करता है। उनकी दी हुई कोठरी में रहता है।

डाँड में सारा अनाज दे देने के बाद होरी के पास कुछ नहीं बचता। इसी समय पुनिया उसकी सहायता करती है। वर्षा के अभाव से उसकी ईख सूख जाती है। भोला गाय के रुपये लेना चाहता है। होरी रुपये दे नहीं पाता। भोला होरी के बैल खोलकर ले जाता है। गाँववाले इसका विरोध करते हैं, पर धर्म के भय से मर्यादावादी और ईमानदार होरी विवश होकर इसकी अनुमति दे देता है।

मालती राजनीतिक और सामाजिक कार्यों में व्यस्त रहने वाली महिला है। उसके प्रयत्न से मेहता वीमेन्स लीग में भाषण देने के दौरान महिलाओं को समान अधिकार की मांग छोङकर त्याग, दया, क्षमा अपनाने सुझाव देते हैं, जो गृहस्थ जीवन के लिए निहायत जरूरी है।

मालती मेहता से सहमत होती है। वह मेहता को अपने घर पर खाने बुलाती है। उसी समय मेहता आरोप लगाते हैं कि उसी के कारण मि. खन्ना, मिसेज खन्ना से अच्छा बर्ताव नहीं करते। यह सुनकर मालती बिगाङ जाती है और अपने घर चली जाती है।

रायसाहब को पता चल जाता है कि होरी से वसूल किए गए डाँड के सारे पैसे गाँव के मुखिया लोग खा गए। वे नोखेराम से रुपये देने को कहते हैं तो चारों महाजन ’बिजली’ के संपादक ओंकारनाथ को सूचना दे देते हैं कि वे अपनी पत्रिका में ऐसी सनसनीखेज खबर छापने जा रहे हैं। रायसाहब सौ ग्राहकों का चंदा रिश्वत के रूप में भरकर किसी तरह इसे छापने से रोक लेते हैं।

Godan novel in hindi

जब गाँव में बुवाई शुरू हो जाती है तब होरी के पास बैल नहीं है। होरी की लाचारी का फायदा उठाकर दातादीन होरी से साझे में बुवाई करने का प्रस्ताव देकर होरी को मजदूर के स्तर तक ले जाता है।

उधर दातादीन का बेटा मातादीन झुनिया को प्रेम-पाश में फँसाने के लिए प्रयास करता है। लेकिन बीच में सोना पहुँच जाने से मामला गङबङ होने से बच जाता है।

होरी ईख बेचने जाता है तो मिल मालिक से मिलकर महाजन सारा रुपया कर्ज के लिए वसूल कर लेते हैं। मि. खन्ना और उसकी पत्नी गोविंदी के स्वभाव में आकाश – पाताल का अंतर है।

गोविंदी सादा जीवन पसन्द करती है तो मि. खन्ना विलासमय जीवन। एक बार पति-पत्नी में बेटे के इलाज के लिए भिन्न-भिन्न डाॅक्टरों को बुलाने के मतांतर मेहता से होती है। मेहता उसकी प्रशंसा कर के उसे समझाबुझा कर घर लौटा लाते हैं। होरी दातादीन की मजूरी करने लगता है।

होरी दातादीन की मजदूरी करने लगता है। ऊख काटते समय कङी मेहनत करने के कारण वह बेहोश हो जाता है। उधर गोबर अब नौकरी छोङकर खोंचा लगाने के काम में लग जाता है। उसके पास दो पैसे हो जाते हैं। वह एक दिन गाँव में पहुँचता है। वह सभी के लिए सामान लाता है। गाँव में गोबर महाजनों की बङी बेइज्जती करता है।

होली के अवसर पर गाँव के मुखिया लोगों की नकल करके अभिनय किया जाता है। फलस्वरूप गोबर सभी महाजनों के क्रोध का शिकार बन जाता है। जंगी को शहर में नौकरी कराने का लोभ दिखाकर उसे प्रभावित कर देते हैं। वह भोला को मना कर नोखेराम को लगान वसूल करके रसीद न देने पर उसे अदालत की धमकी देता है। झुनिया को फुसलाकर शहर जाते समय माँ से झगङा हो जाता है।

माँ के पांव में सिर न झुकाकर बिलकुल उद्दंड और स्वार्थी बनकर बालबच्चों को लेकर शहर चला जाता है। राय साहब की कई समस्याएँ थीं। उनको कन्या का विवाह करना था, अदालत में एक मुकदमा करना था और सिर पर चुनाव भी थे। कुंवर दिग्विजय सिंह के साथ शादी तय हुई थी। राजा साहब के साथ चुनाव लङना था। पैसों की कमी थी इसीलिए वे तंखा के पास उधार मांगने के लिए जाते हैं। वे मना करते हैं तो वे खन्ना के पास जाते हैं।

Godan Summary in Hindi

खन्ना पहले आनाकानी करके बाद में कमीशन लेकर पैसों का इंतजाम कर सकने की बात बताते हैं। बातचीत के दौरान मेहता महिलाओं की व्यायामशाला की नींव रखने के लिए मना करते हैं।

रायसाहब पांच हजार लिख देते हैं। फिर मालती पहुँचती है तो खन्ना से एक हजार का चैक लिखवा लेती है। मातादीन की रखैल सिलिया अनाज के ढेर से कोई सेर भर अनाज दुलारी सहुआइन को दे देती है तो मातादीन उसे धिक्कारता है। निकल जाने को कहता है। सिलिया दुःखी होती है। सिलिया के बाप हरखू के कहने पर उसके साथी मातादीन के मुँह पर हड्डी डालकर उसे जातिभ्रष्ट कर देते हैं। धनिया सिलिया को अपने घर पर रख लेती है। सिलिया मजदूरी करके गुजरबसर करती है।

सोना सत्रह साल की हो गई थी। उसके विवाह के लिए पैसों की जरूरत थी। सोना को मालूम हुआ कि पिता विवाह के लिए दुलारी से दो सौ रुपये लाएँगे। सोना सिलिया को भावी पति मथुरा के पास भेजती है। ससुरालवाले बिना दहेज के बहू लेने को तैयार हो गए। लेकिन धनिया अपनी मर्यादा बचाने के लिए दहेज देना चाहती है। भोला एक जवान विधवा नोहरी से विवाह करता है। नोहरी के साथ बहुओं से नहीं पटती। पुत्री कामना भोला को घर से भगा देती है। नोखेराम नोहरी की लालसा से भोला को नौकर रख लेता है। नोहरी गाँव की रानी की जाती का है। लाला पटेश्वरी साहूकार मंगरू शाह को मंगरू शाह को भङकाकर होरी की सारी नोहरी गाँव की रानी की जाती का है।

लाला पटेश्वरी साहूकार मंगरू शाह को भङकाकर होरी की सारी ईख नीलाम कर देता है। इससे उगाही की उम्मीद न होने से दुलारी होरी को शादी के लिए दो सौ रुपये नहीं देती है। इतने में सहानुभूति दिखाकर नोहरी होरी को दो सौ रुपये देकर अपनी दयाशीलता का परिचय देती है।

शहर में परिवार लाकर गोबर देखता है कि जहाँ वह खोंचा लगाता था, वहीं दूसरा बैठने लगा है। उसको कारोबार में घाटा हुआ तो वह मिल में नौकरी कर लेता है। झुनिया को गोबर की कामुकता पसंद नहीं आती। गोबर को बेटा मर जाता है। झुनिया गर्भवती है। गोबर नशा करने लगा है। झुनिया को पीटता है, गालियाँ देता है।

Godan Summary in hindi

चुहिया की सहायता से झुनिया एक बेटे को जन्म देती है। मिल में झगङा हो जाने से गोबर घायल हो जाता है। मिल गोबर की सेवा करने के दौरान पति पत्नी में फिर संबंध स्वाभाविक हो जाता है।

मातादीन नोहरी के प्रति फिर से आकर्षित होता है। वह सिलिया के लिए छोटी को दो रुपये देता है। रुपये पाकर सिलिया खुश होती है। यह समाचार देने सोना के ससुराल पहुँचती है। मथुरा नोहरी से प्रेम-निवेदन करता है। दोनों पास-पास आ जाते हैं तो सोना की आवाज से पीछे हट जाते हैं। सोना सिलिया को बहुत फटकारती है।

मिल में आग लग गई थी। मिल में नए मजदूर ठीक से काम नहीं कर पा रहे थे। इसलिए पुराने मजदूर ले लिए जाते हैं। खन्ना-गोविंदी का मनमुटाव मिट जाता है। मेहता से प्रेरित होकर मालती सेवा-व्रत में लगी रहती है। एक दिन मेहता और मालती होरी के गाँव में पहुँचकर लोगों से मिलते हैं। सहायता करते हैं। राय साहब की लङकी की शादी हो जाती है।

मुकदमे और चुनाव में भी जीत होती है। वे लोग होम मेंबर भी बन जाते हैं। राजा साहब रायसाहब के पुत्र रुद्रप्रताप मालती की बहन सरोज से विवाह करके इंग्लैण्ड चला जाता है। फिर रायसाहब की बेटी और दामाद में विवाह विच्छेद हो जाता है। मालती देखती है कि दूसरों की सेवा करने के कारण ऊँची वेतन के बावजूद उन पर कर्ज है। कुर्की भी आई है।

तब मालती मेहता को अपने घर पर ले आती है। उनकी सहायता करती है। मालती गोबर को माली रख लेती है। उसके बेटे की चिकित्सा और सेवा भी करती हैं। मालती मेहता से विवाह करना अस्वीकार करके मित्र बनकर रहने को पसंद करती है।

मातादीन सिलिया के बालक को प्यार करता है। वह निमोनिया में कर जाता है। मातादीन सिलिया के प्रति आकर्षित होता है। सारा जाति-बंधन तोङकर उसके साथ रहता है।

होरी की आर्थिक दशा दिनोंदिन गिरती जाती है। तीन साल तक लगान न चुकाने से नोखेराम बेदखली का दावा करता है। मातादीन होरी को सुझाव देता है कि अधेङ रामसेवक मेहता से रूपा की शादी करके बदले में कुछ रुपए ले लें और खेती करे। होरी यह सुनकर बङा दुःखी होता है। पर अंत में होरी और धनिया राजी हो जाते हैं। गोबर को शादी में आने की खबर दी जाती है।

गोबर झुनिया को लेकर गाँव में पहुँचता है। रूपा की शादी होती है। मालती भी शादी में शरीक होती है। गोबर गाँव में झुनिया को छोङकर लखनऊ चला जाता है। रूपा ससुराल में समृद्धि देखकर पिता की गाय की लालसा की बात सोचकर दुःखी होती है। मैक जाते समय वह एक गाय ले जाने की बात सोचती है। होरी पोते मंगल के लिए गाय लेना चाहता था।

godan summary in hindi

इसलिए वह कंकङ खोदने की मजदूरी करता है। रात को बैठकर धनिया के साथ सुतली कातता है। एक दिन हीरा आकर पहुँचता है और होरी से माफी मांगता है। होरी खुश हो जाता है। होरी कंकङ खोदते समय दोपहर की छुट्टी के समय लेट जाता है। उसको कै (उल्टी) होती है। उसे लू लग जाती है। धनिया भाग कर आती है। सब इकट्ठे हो जाते हैं। शोभा और हीरा को घर पर ले गए।

होरी की जबान बंद हो गई। धनिया घरेलू उपचार करती है। सब बेकार जाता है। हीरा गो-दान करने को कहता है। दूसरे लोग भी यही कहते हैं। धनिया सुतली बेचकर रखे बीस आने पैसे पति के ठंडे हाथ में रखकर ब्राह्मण दातादीन से बोलती है – महाराज घर में न गाय है न बछिया, न पैसा। यही इनका गोदान है। विशेष – ‘गोदान’ केवल वर्तमान का एक निष्पक्ष चित्र है। उसमें आगत भविष्य की सम्भावनाओं झाँकी नहीं कराई गयी है। इसमें तो एक चरित्र को लेकर उसे अनेक परिस्थितियों में डालकर तथा बहुत से पात्रों और चरित्रों को संसर्ग में लाकर समाज का एक जीवित चित्र निर्माण किया गया है। इसमें भी ‘गबन’ की भाँति कथावस्तु और चरित्र में भेद नहीं रह गया है।

‘होरी’ के चरित्र की थोङी सी विशेषता दिखलाकर और उसे एक विशेष वातावरण में रखकर लेखक तटस्थ होकर स्वयं द्रष्टा बन जाता है। होरी अपने जातिगत स्वभाव से ही नवीन परिस्थितियाँ उत्पन्न करता है और फिर विवश होकर उनके अनुसार ही ढल जाता है।

इस परिस्थितियों की तरंगों में डूबता-उतरता नियति के हाथों का खिलौना वह कृषक जीवन-यात्रा के अंतिम छोर तक चला जाता है, परन्तु नगर वाले कथानक में यह बात इतनी स्पष्ट नहीं है। वहाँ पर परिस्थितियों की प्रतिक्रिया व्यक्ति पर इतनी सरलता से नहीं होती। रायसाहब, मिर्जा खुर्शेद तथा मेहता आदि प्रायः सभी में वैयक्तिकता है, परन्तु यह वैयक्तिकता इतनी सबल भी नहीं है कि वह परिस्थितियों को तोङ-मरोङ सके।

वास्तव में ‘गोदान‘ में साहूकारों द्वारा किसान के शोषण की ही कहानी है। ये साहूकार कई प्रकार के है, जिनमें झिंगुरीसिंह, पंडित दातादीन, लाला पटेश्वरी, दुलारी सहुआइन आदि। साहूकार के अतिरिक्त जमींदार और सरकार के अत्याचार का भी गोदान में साधारण दिग्दर्शन कराया गया है, किन्तु साहूकार, जमींदार और सरकार सबसे बढकर किसानों के सिर पर बिरादरी का भूत होता है।

बिरादरी से अलग जीवन की वह कोई कल्पना ही नहीं कर सकता है। शादी-ब्याह, मुंडन-छेदन, जन्म-मरण सब कुछ बिरादरी के हाथ में है। आप बङे से बङे पाप कर्म करते जाए, किन्तु बिरादरी तब तक सिर न उठाएगी जब आप उसके द्वारा निर्धारित कृत्रिम मर्यादा का पालन करते जा रहे है। जो इन कृत्रिम सामाजिक बन्धनों के निर्वाह में चुका है उसके लिए वह ग्रामीण समाज कठोर से कठोर दण्ड-व्यवस्था अपनाता है।

हमारे किसानों ने धर्म का एक बङा ही विकृत रूप अपनाया है, किन्तु धीरे-धीरे गाँवों में भी उष्ण रक्त इन कृत्रिमताओं का विरोध करने लगा है। ‘गोदान’ में गोबर, मातादीन, सिलिया, झुनिया आदि इसके उदाहरण हैं।

प्रेमचन्द का स्पष्ट कथन है कि ‘मेरे उपन्यास का उद्देश्य है धन के आधार पर दुश्मनी’। प्रेमचन्द ने अपनी सहानुभूति का बहुत बङा भाग शोषित वर्ग को समर्पित किया है। उन्होंने जमीदारों, पूँजीपतियों, महाजनों, धार्मिक पाखण्डियों के दोषों पर तीखे प्रहार किए हैं।

उन्होंने उपन्यास में प्रतिपादित किया है कि किसान को सबसे अधिक महाजनी सभ्यता से गुजरना पङता है। महाजनी सभ्यता क्रूरता तथा शोषण पर आधारित है।

गोदान उपन्यास पात्र-परिचयः

होरी- (मुख्य नायक) धनिया- होरी की पत्नी होरी की संतान- गोबर, सोना, रूपा झुनिया- गोबर की पत्नी (भोला की विधवा बेटी) होरी के भाई- हीरा और  शोभा मालती मेहता साहूकार- झिंगुरी सिंह, पंडित दातादीन, लाला पटेश्वरी, दुलारी सहुआइन

गोदान उपन्यास के महत्वपूर्ण तथ्य 

⇒ होरी की इच्छा पछाई गाय लेने की थी। ⇔ होरी भोला (ग्वाला) से गाय लाया था। ⇒ होरी के गाँव का नाम- बेलारी। ⇔ ‘‘गाँव क्या था, पुरवा था, दस-बारह घरों का, जिसमें आधे खपरैल के थे, आधे फूस के।’’-कोदई गाँव का वर्णन। ⇒ गोबर का वास्तविक नाम-गोवर्धन। ⇔ ‘बाहर से तितली है और भीतरी से मधुमक्खी’ यह कथन ‘गोदान‘ उपन्यास में-मालती के लिए। ⇒ ‘गोदान’ उपन्यास यथार्थवाद उपन्यास है, न कि आदर्शवाद। ⇔ ‘‘पहना दो मेरे हाथ में हथकङियाँ, देख लिया तुम्हारा न्याय और अक्ल की दौङ’’ कथन है-धनिया का। ⇒ उपन्यास में महाजनी सभ्यता का विरोध हुआ है। ⇔ कृषक की आर्थिक समस्या का चित्रण हुआ है। ⇒ यह उपन्यास समस्या प्रधान है। ⇔ ‘गोदान में गाँधी और मार्क्स  को प्रेमचन्द ने घुला- मिला दिया है।’- कथन है बच्चन सिंह का। ⇒ प्रेमचन्द का सबसे विख्यात और अंतिम उपन्यास-गोदान (1936 ई.)। ⇔ गोदान की कथावस्तु-कृषक की समस्या। ⇒ होरी के पास पाँच बीघा जमीन थी। ⇔ गाँव की कथा और शहर की कथा साथ-साथ चलती है फिर दोनों कथाओं में संबंद्धता और संतुलन पाया जाता है। ⇒ गोदान एक राष्ट्रीय प्रतिनिधि उपन्यास है। ⇔ उपन्यास में शोषण व अन्याय के विरूद्ध भरती हुई नई पीढी की विद्रोह और असंतोष का प्रतीक है- गोबर। ⇒ मालती व मेहता लखनऊ में रहते है। ⇔ रायसाहब सेमरी गाँव में रहते है। ⇒ प्रेमचन्द ने गोदान को संक्रमण की पीङा का दस्तावेज बताया है। ⇔ पंडित दातादीन के पुत्र का नाम मातादीन था।

अगर हमारा ये प्रयास अच्छा लगा तो इस पोस्ट को शेयर जरूर करें 

godan in hindi pdf यहाँ क्लिक करें 

ये भी अच्छे से जानें ⇓⇓

समास क्या होता है ?

परीक्षा में आने वाले मुहावरे 

सर्वनाम व उसके भेद 

महत्वपूर्ण विलोम शब्द देखें 

विराम चिन्ह क्या है ?

परीक्षा में आने वाले ही शब्द युग्म ही पढ़ें 

साहित्य के शानदार वीडियो यहाँ देखें 

  • godan upanyas,godan in hindi
  • godan upanyas,godan premchand,
  • godan novel in hindi,
  • godan book,
  • godan in hindi,
  • godan novel,
  • godan premchand in hindi,
  • munshi premchand godan in hindi,
  • godaan by premchand,
  • godan munshi premchand,
  • godan book in hindi,
  • premchand novel godan summary in hindi,
  • book review in hindi,godan summary in hindi,
  • godan novel summary in hindi,
  • story of godan bypremchand in hindi,
  • premchand novel godan in hindi,
  • godan novel in hindi pdf,
  • premchand novel godan,
  • munshi premchand books in hindi,
  • godan story,
  • munshi premchand stories in hindi godan,
  • premchand godan summary,
  • theme of godan by premchand,
  • godan story in hindi,
  • premchand novels,
  • godan premchand in hindi pdf,
  • munshi premchand upanyas godan in hindi,
  • munshi premchand novels in hindi godan,
  • premchand novel godan summary,
  • premchand novel in hindi,
  • premchand ki kahani godan,
  • godan author,
  • godan novel summary,
  • story of premchand godan in hindi,
  • godan online reading,
  • munshi premchand ki kahani godan in hindi
  • characters of godan by premchand in hindi,
  • munshi premchand godan story,
  • munshi premchand godan summary in hindi,godan read online,
  • munshi premchand godan in hindi pdf,
  • godan in hindi pdf,
  • story of godan by munshi premchand,
  • premchand story godan summary in hindi,
  • godan premchand pdf,
  • godan writer,
  • short story of godan in hindi,
  • premchand in hindi,
  • godan story in short,
  • godan novel written by premchand,
  • hindi upanyas online,
  • munshi premchand,
  • munshi premchand very short stories in hindi,
  • munshi premchand in hindi,
  • godan written by premchand,
  • godan munshi premchand summary in hindi,
  • godan book in hindi pdf,
  • godan story summary,
  • godan novel pdf,
  • premchand ki godan,
  • godan story in short in hindi,
  • godan story summary in hindi,
  • godan upanyas ka saransh,
  • read godan premchand online,
  • munshi premchand novel godan summary in hindi,
  • munshi premchand ki kahani godan,
  • godan book review in hindi,
  • godan premchand analysis,
  • munshi premchand godan summary,
  • pustak samiksha of godan in hindi
  • premchand godan short summary in hindi,
  • munshi premchand novels,
  • munshi premchand novels in hindi,
  • godan munshi premchand pdf in hindi,
  • godan full story in hindi,
  • premchand ki godan ka saransh in hindi,
  • book review in hindi premchand,
  • summary of godan by munshi premchand,
  • godan kahani,
  • godan ebook,
  • godan summary by premchand,
  • short summary of godan by premchand in hindi,
  • story of godan by premchand,
  • book review of godan in hindi language,
  • godan by premchand in hindi summary,
  • munshi premchand short stories in hindi pdf free download,
  • premchand upanyas in hindi,
  • book review of premchand stories in hindi,
  • book review of godan by premchand in hindi language,
  • summary of stories written by munshi premchand in hindi,
  • premchand ke upanyas,
  • godan novel in hindi pdf free download,
  • godan upanyas summary,
  • godan ki samiksha in hindi,
  • hindi upanyas premchand,
  • any hindi story book review,
  • premchand information in hindi,
  • munshi premchand novels in hindi pdf,
  • author of godan,
  • godan online,
  • premchand godan book review in hindi,
  • premchand novels in hindi pdf,
  • theme of novel godan,
  • character sketch of hori in godan in hindi,
  • book review on godan in hindi,
  • munsi premchand godan in hindi,
  • premchand prasad godan summary in hindi,
  • short summary of godan in hindi,
  • premchand ki godan ki samiksha
  • godan book pdf,
  • famous hindi novels by premchand,
  • who wrote godan,
  • premchand in hindi pdf,
  • the gift of cow,
  • short summary of godan in hindi by munshi,
  • characters in godan,
  • review of premchand’s novel godan,
  • godan by premchand book review,
  • godan book summary,
  • short summary of the book godan by premchand in hindi,
  • premchands godan,
  • godan ka saar in hindi,
  • premchand godan characters,
  • godan book review hindi,
  • godan in hindi in short summary,
  • summary of premchand story godan in hindi,
  • summary of novel godan by premchand,
  • premchand ki godan ka saransh,
  • godaan the gift of a cow,
  • book review godan hindi,
  • moral of godan by premchand,
  • summary of godan written by munshi premchand,
  • premchand godan hindi,
  • summary of godan premchand,
  • godan ka saar,
  • summary of hindi novel godan,
  • godan summary hindi,
  • godan ki summary,
  • premchand ki godan ki summary,
  • godan book review in hindi

Related Posts

Logopit 1523167917702

महिला उपन्यासकार टेस्ट सीरीज – Hindi Sahitya

प्रेमचन्द पूर्वयुगीन उपन्यास

प्रेमचन्द पूर्व हिन्दी उपन्यास यात्रा – Hindi upanyas

इलाचन्द्र जोशी के उपन्यास

इलाचन्द्र जोशी के उपन्यास

Leave a comment cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

The Captable

Social Story

Enterprise Story

The Decrypting Story

Daily Newsletter

By providing your information, you agree to our Terms of Use and our Privacy Policy. We use vendors that may also process your information to help provide our services. This site is protected by reCAPTCHA Enterprise and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

Youtstory

Founder first

Announcement

Startup Sectors

Women in tech

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

ys-analytics

Wings of Fire: पॉजिटिव थिंकिंग और कलाम की सफलता का कनेक्शन बताती ये किताब

विंग्स ऑफ फायर एपीजे अब्दुल कलाम की ऑटोबायोग्राफी है जिसे उन्होंने अरुण तिवारी के साथ मिलकर लिखा है. इस किताब में कलाम के राष्ट्रपति बनने से पहले उनकी जिंदगी के बारे में चीजें लिखी गई हैं..

Photo of yourstory हिन्दी

Saturday October 15, 2022 , 6 min Read

एपीजे अब्दुल कलाम भारत के एक जाने माने वैज्ञानिक होने के साथ भारत के 11वें राष्ट्रपति भी थे. उन्हें  तीन उच्च नागरिक अवॉर्ड- पद्म भूषण, पद्म विभूषण और भारत रत्न से भी नवाजा गया है. विंग्स ऑफ फायर एपीजे अब्दुल कलाम की ऑटोबायोग्राफी है जिसे उन्होंने अरुण तिवारी के साथ मिलकर लिखा है. इस किताब में कलाम के राष्ट्रपति बनने से पहले उनकी जिंदगी के बारे में चीजें लिखी गई हैं. इस किताब के आने के बाद कलाम की एक ऑटोबायोग्राफी छपी जिसकी नाम था ‘माई जर्नीः ट्रांसफॉर्मिंग ड्रीम्स इंटू एक्शंस’. कलाम को एक साधारण, धर्मनिरपेक्ष और प्रेरणा देने वाले शख्स का दर्जा दिया जाता है.

क्या है किताब में?

विंग्स ऑफ फायर में एपीजे अब्दुल कलाम की शुरुआती जिंदगी, इंडियन स्पेस रिसर्च और मिसाइल प्रोग्राम में उन्होंने जो काम किए उनका जिक्र हुआ है. ये एक ऐसे लड़के की कहानी है जो बहुत सीधे-सरल परिवार से आता है और इंडियन स्पेस रिसर्च/इंडियन मिसाइल प्रोग्राम्स में एक बहुत हिस्सा बनता है और आगे जाकर देश का राष्ट्रपति भी बनता है.

इस किताब को भारत में काफी लोकप्रियता मिली है और इसका कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है. किताब पूरे समय पाठक को बांधे रखती है. अंत में ज्यादातर उनके स्पेस रिसर्च और मिसाइल प्रोजेक्ट्स के बारे में काफी टेक्निकल टर्म्स के साथ जानकारी दी गई है. इसलिए अंत थोड़ा उबाउ लग सकता है, लेकिन जिन लोगों को स्पेस प्रोग्राम्स में दिलचस्पी है उनके लिए ये आखिरी हिस्सा भी उतना ही दिलचस्प होगा जितनी की पूरी किताब.

शुरुआत के चैप्टर्स में हमारे देश की 1930 से लेकर 1950 के दौरान की घटी अलग-अलग परिस्थितियों के बारे में बताया गया है. कलाम की पैदाइश रामेश्वरम में हुई थी. किताब में बताया गया है कि विभाजन से पहले कैसे अलग-अलग धर्म के लोग आपस में मिलकर रहते थे.

मशहूर शिव मंदिर, जो आज रामेश्वरम मंदिर के नाम से मशहूर है और श्रद्धालुओं के लिए इतना पवित्र स्थान रखता है वो मंदिर कलाम के घर से 10 मिनट की दूरी पर था. जिस इलाके में कलाम रहते थे वहां ज्यादातर मुस्लिम परिवार थे और गिने चुने हिंदू परिवार. कहीं भी किसी के भी बीच किसी तरह का सांप्रदायिक मनमुटाव नहीं था.

जब टीचर ने पीछे बैठने को कह दिया

कलाम अपने बचपन की कहानियों का जिक्र करते हुए लिखते हैं, मैं रामेश्वरम एलीमेंट्री स्कूल में कक्षा 5 में था और हमें पढ़ाने एक नए टीचर आए. मैं एक टोपी पहनता था जो अक्सर मुस्लिम समुदाय के लोग पहनते हैं. मैं हमेशा ही सबसे आगे की पंक्ति में रामानंद शास्त्री के बगल में बैठता था, जो एक पवित्र धागा (जनेऊ) पहनता था. नए टीचर को एक हिंदू पुजारी के बेटे का मुस्लिम लड़के के बगल में बैठना बिल्कुल हजम नहीं हुआ. उन्होंने मुझे पीछे की बेंच पर जाकर बैठने को कह दिया. मुझे और मेरे दोस्त रामानंद दोनों को बुरा लगा. मुझे पीछे बैठाए जाने की वजह से मेरा दोस्त रामानंद रोने लगा. उसे रोता देख मुझे भी बुरा लगा. स्कूल के बाद हम दोनों घर गए और अपने अपने माता-पिता को इस वाकये के बारे में बताया.

लक्ष्मण शास्त्री ने उस टीचर को बुलाया और हमारे सामने ही कहा कि उन्हें स्कूल के मासूम के बच्चों के दिमाग में सामाजिक भेदभाव को और सांप्रदायिक नफरत का जहर नहीं घोलना चाहिए. उन्होंने टीचर से कहा कि या तो वो माफी मांगें या फिर स्कूल और ये जगह ही छोड़ दें. टीचर ने आखिरकार अपने बर्ताव के लिए माफी मांगी.

सिवानंद स्वामी से मुलाकात का असर

कलाम शुरुआत के दिनों में एयर फोर्स ऑफिसर बनना चाहते थे लेकिन वो इंटरव्यू नहीं पार कर सके. इस असफलता के बाद उनकी मुलाकात स्वामी सिवानंद से हुई, जहां उन्होंने कलाम से कुछ ऐसा कहा जो हर किसी को जरूर पढ़ना चाहिए. 

सिवानंद ने कहा, ‘अपनी किस्मत को स्वीकार करो और जिंदगी में जो भी उसका खुले दिल से स्वागत करते रहो. तुम एयर फोर्स पायलट बनने के लिए नहीं बने हो. तुम इस धरती पर क्या बनने के लिए आए हो ये अभी नहीं समझ आएगा मगर ये पहले से तय है. इस असफलता को भूल जाओ क्योंकि ये तुम्हें उस रास्ते पर ले जाने के लिए जरूरी था जिसके लिए तुम बने हो. जिंदगी में अपने मकसद को ढूंढो, ढूंढो कि किस चीज से तुम्हें सच में खुशी मिलती है. सब भगवान पर छोड़ दो.’

ADE के साथ करियर की शुरुआत

किताब बताती है कि कैसे कलाम ने एरोनॉटिकल डिवेलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट के साथ अपना करियर शुरू किया और कैसे उन्हें एक होवरक्राफ्ट के डिजाइन टीम का हिस्सा बनाया गया. बाद में उन्होंने इंडियन स्पेस रिसर्च को जॉइन किया. 1963 में कलाम को साउंडिंग रॉकेट लॉन्चिंग टेक्निक्स पर ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए मैरिलैंड(यूएसए) जाने का मौका मिला. वहां उन्हें एक पेंटिंग दिखाई दी जिसमें ब्रिटिश लोगों के खिलाफ टीपू सुल्तान द्वार बनाए गए रॉकेट की फोटो थी.

कलाम लिखते हैं, मुझे ये देखकर बहुत अच्छा लगा कि टीप सुल्तान के जिस योगदान को उनके देश ने भुला दिया उसे दूसरे देश ने सजा कर रखा हुआ है. मुझे ये देखकर खुशी हुई की NASA ने एक भारतीय को युद्ध में इस्तेमाल होने वाले रॉकेट का हीरो बनाकर अपनी दीवारों पर जगह दी गई है.

किताब में इंडिया के सैटेलाइट और मिसालइ प्रोग्राम( SLV-3, Prithvi, Agni, Thrisul, Akash, Nag) के टेक्निकल डिटेल्स के बारे में जानकारी दी गई है. जैसा कि ऊपर भी कहा गया है जिन लोगों को स्पेस और उससे जुड़ी टेक्नोलॉजी में दिलचस्पी है उन्हें ये हिस्सा अच्छा लगेगा. लेकिन जिन लोगों ने कलाम को जानने समझने, उनकी सिद्धांतों, विचारों को समझने के लिए ये किताब खरीदी है उन्हें उदासी हो सकती है.

स्पेस और मिसाइल प्रोग्राम्स काफी जटिल विषय हैं और उन्हें मैनेज करना और भी चुनौती भरा है. किताब कलाम के द्वारा अपनाई गई पार्टिसिपेटरी मैनेजमेंट टेक्निक के बारे में जरूर थोड़ी सी झलक देती है, मगर ज्यादा डिटेल नहीं दी गई है. विंग्स ऑफ फायर कलाम की निजी जिंदगी के बारे में बहुत मामूली सी जानकारी देती है, जो एक ऑटोबायोग्राफी होने के नाते नाउम्मीद करती है. मिसाल के तौर पर हमें ये नहीं मालूम पड़ा कि उन्होंने शादी क्यों नहीं की या फिर स्पेस रिसर्च के अलावा वो और क्या करते थे. उनकी दिलचस्पी किसमें थी.

इंडियन स्पेस के दूसरे शख्सियत

विंग्स ऑफ फायर के जरिए हमें उन लोगों को जानने का मौका मिलता है जिन्होंने इंडियन स्पेस रिसर्च में काम किया जैसे- विक्रम साराभाई और डॉक्टर ब्रह्म प्रकाश. किताब में करीबन 24 तस्वीरें भी दी गई हैं. ये तस्वीरें देख लेने भर से ही लगता है कि किताब की पूरी कीमत वसूल हो गई.

पूरी किताब को पढ़ने के बाद एक बार पूरी तरह उभर कर आती है वो है कलाम की पॉजिटिव थिंकिंग. उन्होंने अलग अलग संगठनों में कई उच्च स्तरीय पद संभाले, लेकिन किताब में शायद ही उन्होंने किसी भी नेता या नौकरशाहों की कामचोरी या भ्रष्टाचार का जिक्र किया हो. कुल मिलाकर ये कहा  जा सकता है कि उनके चारों तरफ भी निगेटिव चीजें थी मगर उन्होंने उन चीजों को दरकिनार करने का फैसला किया और उनकी इसी आदत को उनकी सफलता का श्रेय दिया जा सकता है. किताब इंडिया में उनकी लोकप्रियता भी बयां करती है. 

Edited by Upasana

  • A.P.J. Abdul Kalam
  • indian president kalam
  • wings of fire
  • inspirational
  • YOURSTORY EVERGREENS
  • YS HINDI EXPLAINERs

MOST VIEWED STORIES

घूमना है लेकिन पैसे नहीं है? स्टार्टअप SanKash करेगा आपकी मदद, जानिए कैसे...

जब पाकिस्‍तान की अदालत में मंटो की कहानी पर चला अश्‍लीलता का मुकदमा

जब पाकिस्‍तान की अदालत में मंटो की कहानी पर चला अश्‍लीलता का मुकदमा

शहर को महिलाओं के लिए सुरक्षित बना 'जागोरी' अभियान शुरू करने वाली हमसफर

शहर को महिलाओं के लिए सुरक्षित बना 'जागोरी' अभियान शुरू करने वाली हमसफर

हकीम की दुकान से लेकर 5 करोड़ टर्नओवर वाली कंपनी तक, 134 वर्ष से लोगों की संवार रही सेहत

हकीम की दुकान से लेकर 5 करोड़ टर्नओवर वाली कंपनी तक, 134 वर्ष से लोगों की संवार रही सेहत

दीपिका पादुकोण BGMI की ब्रांड एंबेसडर बनीं

दीपिका पादुकोण BGMI की ब्रांड एंबेसडर बनीं

COMMENTS

  1. How to write book review in Hindi with example- पुस्तक ...

    Book review एक पुस्तक का विश्लेषण है जिसमें इसके विषय, खूबियां, कमियां और संदर्भ शामिल हैं । इसमें किताब का संक्षिप्त सारांश, लेखक के पृष्ठभूमि की जानकारी, किताब का विषय और कंटेंट का evaluation किया जाता है ।.

  2. गोदान ( उपन्यास ) की समीक्षा | Godan Book Review In Hindi

    Godan Book Review In Hindi. गोदान ( Godan ) मुंशी प्रेमचंद का एक हिंदी उपन्यास है जिसमे 20 सदी के रुढ़िवादी समाज का जिवंत चित्रण किया गया है !

  3. हिंदी किताबें, हिंदी बुक रिव्यू, पुस्तक समीक्षा, Hindi Book ...

    समीक्षा. सच्चे स्त्री-विमर्श से सजी हैं फ़िलहाल यूॅं ही रहने दो संग्रह की कहानियां. पुस्तक समीक्षा: ‘नबीला’ और अन्य कहानियां. बच्चों की कल्पना को पर देने का काम करेंगी ये 7 हिंदी पुस्तकें! ह्यूमनकाइंड: किताब, जो मानवता पर हमारे विश्वास को और पुख़्ता करती है. कुछ लव जैसा: दोस्ती और प्यार की खट्टी-मीठी दास्तान.

  4. How to write a book review in 6 easy steps in hindi - book ...

    How to write a book review in 6 easy steps in hindi - book review kaise likhte hain. 8 Likes. 78 Views. May 8 2024. #shyambooktuber #bookreview #easybookreview इस विडियो में मेंने आपको...

  5. पुस्तक समीक्षा कैसे लिखें - Writing Tips Oasis - A website ...

    यहाँ पुस्तक समीक्षा की एक रूप रेखा दी गई है। इसे आप अपने विचारों तथा रुचि के अनुसार बना सकते हैं।. एक रूपरेखा तैयार कीजिए. अपने नोट्स पढ़िए और अपनी समीक्षा का उद्देश्य लिखने के लिए उनके साथ मिलान कीजिए।. प्रारूप लिखिए. अपने नोट्स मथिए और एक परिचय, मध्य तथा निष्कर्ष सम्मिलित कीजिए।. प्रारूप का सुधार कीजिए.

  6. निर्मला मुंशी प्रेमचंद उपन्यास समीक्षा | Nirmala Book Review ...

    Introduction. उपन्यास का नाम – निर्मला / Nirmala. लेखक का नाम – मुंशी प्रेमचंद. विषय – साहित्य. कुल पृष्ठ – 184. Nirmala Book Review In Hindi. ‘निर्मला’ मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित एक प्रसिद्द हिंदी उपन्यास है ! जिसका प्रकाशन सन 1927 में हुआ था ! प्रेमचंद जी द्वारा यह उपन्यास दहेज़ प्रथा और अनमेल विवाह को आधार बनाकर लिखा गया है !

  7. ई पुस्तकालय : मुफ्त हिंदी पुस्तकालय | E Pustakalaya | Free ...

    ई पुस्तकालय : ऑनलाइन पढ़े व डाउनलोड करें मुफ्त हिंदी पुस्तकें व रिव्यू | EPustakalay provides Free Hindi PDF Books, Reviews and more. Hindi Book Digital Library.

  8. Godan Book Review in Hindi - हिंदी साहित्य चैनल

    Godan Summary in Hindi. खन्ना पहले आनाकानी करके बाद में कमीशन लेकर पैसों का इंतजाम कर सकने की बात बताते हैं। बातचीत के दौरान मेहता महिलाओं की ...

  9. The Secret: जो चाहो वो हासिल करना सीखाती है ये किताब

    The Secret: जो चाहो वो हासिल करना सीखाती है ये किताब. हम अपने लिए जैसी जिंदगी चाहते हैं, जैसा रहन-सहन, लाइफस्टाइल, लोग-रिश्ते वो सब कुछ हासिल करना हमारे दिमाग के लिए बायें हाथ का खेल है. इस काम...

  10. Wings of Fire: पॉजिटिव थिंकिंग और कलाम की सफलता का कनेक्शन ...

    क्या है किताब में? विंग्स ऑफ फायर में एपीजे अब्दुल कलाम की शुरुआती जिंदगी, इंडियन स्पेस रिसर्च और मिसाइल प्रोग्राम में उन्होंने जो काम किए उनका जिक्र हुआ है. ये एक ऐसे लड़के की कहानी है जो बहुत...